ओपिनियन पोस्ट
मंदसौर। मध्यप्रदेश के पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई, जिसके बाद लगातार हालात बिगड़ ही रहे हैं। आंदोलन कर रहे किसानों पर गोलीबारी होने के बाद राजनीतिक माहौल भी लगातार गर्मा रहा है। विपक्ष पूरी तरह से शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी पर हावी दिख रहा है। बुधवार सुबह एक किसान की शवयात्रा निकाली गई, इस दौरान उसके शव को तिरंगे से लपेटा गया था। इस दौरान किसानों ने बरखेड़ा पंत में मंदसौर जिले के एसपी और कलेक्टर के साथ मारपीट भी की। दरअसल, दोनों अफसर फायरिंग में मारे गए लोगों के शव को लेकर जाम कर रहे किसानों को समझाने गए थे। इसी बीच कुछ किसानों ने दोनों के साथ धक्कामुक्की की। पुलिस ने मुश्किल से उन्हें भीड़ से बचाकर निकाला। उधर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मंदसौर आने वाले थे, लेकिन उनका दौरा रद्द हो गया। अब वे गुरुवार को वहां जा सकते हैं। आज मंदसौर में बंद और शवयात्रा के दौरान फिर हिंसा , आगजनी और पथराव की घटनाएं हुई है।
महाराष्ट्र के बाद अब किसानों की मांग को लेकर मध्यप्रदेश में हिंसक घटनाओं का दौर शुरु हो गया है। कल मंदसौर जिले में हिंसक आंदोलन के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था। हालांकि अब हालात काबू में हैं। कल आंदोलन के हिंसक होने के बाद सुरक्षाबलों के द्वारा लोगों पर गोलीबारी भी की गई थी। इस गोलीबारी में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है । मारे गए किसानों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुआवजे का ऐलान किया है। आज सीएम ने इस मुआवजे को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दिया।
इस बीच आज राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने आधे दिन प्रदेश बंद का आह्वान किया है। दूसरे किसान संगठनों और कांग्रेस ने भी बंद का समर्थन किया है । वहीं शिवराज ने इस पूरे मामले के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया है। उनका कहना है कि कांग्रेस किसानों को भड़का रही है। बंद के कारण संवेदन शील इलाकों में पुलिस और रैपिड एक्शन फ़ोर्स तैनात की गई है । अभी तक बंद का मिला जुला असर देखने को मिल रहा है ।
बता दें कि मंदसौर में कर्फ्यू की नौबत हिंसा के बाद आई। पिपरियामंडी बही चौपाटी पर उपद्रवियों की तरफ से आगजनी की गई। पांच जून को भी उपद्रवियों ने ट्रकों का सामान लूट लिया गया था। उपद्रवी जिस जगह से निकले वहां दुकानें तोड़ी गईं और छोटे-छोटे दुकानदार यहां तक की महिलाओं की दुकानों तक को लूट लिया गया।
मंदसौर जिले में आंदोलनकारियों ने रेलवे फाटक तोड़ दिया और पटरियां उखाड़ने की भी कोशिश की। इसके बाद मंदसौर और राजस्थान के चित्तौड़ शहर के बीच रेल सेवा ठप हो गई है। इसके बाद प्रशासन ने मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में इंटरनेट सेवा पूरी तरीके से बंद कर दी गई है।
वहीं मामले को बढ़ता देख राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही शिवराज सिंह ने कल रात आनन फानन में अपने घर पर प्रेस कॉन्फ्रेस बुला कर मारे गए किसानों के परिजनों के लिए मुआवजे की रकम को बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया।
क्या मांग है किसानों की
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में दो जून से किसान आंदोलन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के किसानों की मांग है कि उन्हें उनकी फसलों की सही कीमत मिले और कर्जमाफी हो। तीन जून को शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से मिलकर मामला सुलझने का दावा किया था। जिसके बाद एक धड़े ने आंदोलन वापस भी ले लिया था। लेकिन बाकी किसान विरोध प्रदर्शन पर अड़े रहे।
किसान आंदोलन पर किसने क्या कहा?
1) सीएम शिवराज सिंह चौहान- ” चर्चा के माध्यम से हर समस्या के हल के लिए हमेशा तैयार हूं। हिंसा फैलाने वालों के मंसूबे कामयाब नहीं होने दें। हमारी सरकार किसानों के साथ हमेशा खड़ी है। कुछ राजनीतिक दलों और असामाजिक तत्वों ने षड्यंत्र के तहत आंदोलन को हिंसक रूप देने की कोशिश की।
2) राहुल गांधी- “सरकार देश के किसानों के साथ जंग लड़ रही है।”
3) किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा- “आंदोलनकारी असामाजिक नहीं, बल्कि सरकार असामाजिक तत्वों के हाथ में हैं। यह उसी बयान का परिणाम है, जिसमें गृहमंत्री ने कहा था कि आंदोलनकारियों से सख्ती से निपटेंगे।”
4) पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद, कमलनाथ ने कहा- ” निहत्थे किसानों को झुकाने करने के लिए गोलियां, लाठियां चलाने से यह साफ हो गया है कि प्रदेश में अघोषित आपातकाल लग गया है।”
5) नेता प्रतिपक्ष, अजय सिंह ने कहा- “किसानों पर मुख्यमंत्री के इशारे गोली चलाई गई है। एक दिन पहले सीएम ने किसानों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा थाजो जिला प्रशासन ने कर दिखाया।”
6) पूर्व केंद्रीय मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- ” यह शिवराज सरकार का कायराना काम है। प्रदेश के इतिहास में आज की यह घटना काला दिन है।मामले की न्यायिकजांच हो और दोषियों पर कार्रवाई।”