ओपिनियन पोस्ट
गुजरात में राज्यसभा की तीनों सीटों के नतीजे सामने आ गए हैं। दिनभर चले लंबे सियासी घमासान के बाद आखिरकार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी राज्यसभा चुनाव जीत गई हैं। हालांकि तीसरी राज्यसभा सीट पर बीजेपी को करारा झटका लगा है। इस सीट पर कांग्रेस से बीजेपी में आए बलवंत सिंह राजपूत को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से शिकस्त का सामना कर पड़ा।
अहमद पटेल की राज्यसभा सीट बरकरार राज्यसभा चुनाव बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जीत पहले से ही तय मानी जा रही थी लेकिन असली मुकाबला तीसरी सीट पर था। जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल मुकाबले में थे। बीजेपी ने इस सीट पर बलवंत सिंह राजपूत को उतारा लेकिन अहमद पटेल अपनी सीट बरकरार रखने में सफल रहे। अहमद पटेल को 44 वोट मिले। दूसरी ओर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को 46 और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को 45 वोट मिले हैं। वहीं बलवंत सिंह राजपूत को 38 वोट मिले।
चुनाव आयोग से बीजेपी को लगा झटका इससे पहले राज्यसभा की तीन सीटों के लिए गुजरात विधानसभा में मंगलवार को वोटिंग संपन्न होने के बाद शाम 5 बजे वोटों की गिनती होनी थी। हालांकि कांग्रेस के एक फैसले की वजह से वोटों की गिनती तय वक्त शुरू नहीं हो सकी। मामले को लेकर गुजरात से लेकर दिल्ली तक का सियासी पारा गर्म हो गया। कांग्रेस पार्टी ने अपने 2 बागी विधायकों के वोट रद्द करने की मांग को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया। कांग्रेस का कहना था कि उनकी पार्टी के दो विधायकों ने बीजेपी को वोट किया, इतना ही नहीं उन्होंने अपने वोट बीजेपी एजेंट को दिखाया। कांग्रेस की ओर से चुनाव आयोग में शिकायत की गई कि दोनों कांग्रेस के बागी विधायकों को वोट रद्द माना जाए।
कांग्रेस के दोनों बागी विधायकों के वोट रद्द कांग्रेस के विरोध के बाद दिल्ली में सियासी सरगर्मियां तेज हो गईं। चुनाव आयोग को काफी माथापच्ची करनी पड़ी। आखिरकार रात 11.30 बजे चुनाव आयोग ने फैसला सुनाते हुए कांग्रेस के दोनों बागी विधायकों के वोट रद्द कर दिए। भोला भाई गोविल और राघव जी भाई पटेल के वोट रिटर्निंग अफसर ने रद्द कर दिए हैं। इन दोनों विधायकों ने बीजेपी के उम्मीदवार को वोट दिया था। दोनों विधायकों के वोटों को बैलेट बॉक्स से बाहर निकाल दिया गया। दूसरी ओर चुनाव आयोग के फैसले के बाद जब गांधीनगर में वोटों की गिनती शुरू होने वाली थी तब कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने बताया कि बीजेपी के विरोध की वजह से वोटों की गिनती शुरू नहीं हुई है। बीजेपी नेता कांग्रेस के बागी विधायकों वाली वीडियो सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे। हालांकि बाद में बीजेपी के रुख में बदलाव आया और काउंटिंग शुरू हुई और नतीजे सामने आए।
बीजेपी विधायक ने अपनी पार्टी के खिलाफ दिया वोट बीजेपी की ओर से भी क्रॉस वोटिंग हुई है। बीजेपी के विधायक नालिन कोटडिया ने फेसबुक पर खास पोस्ट लिख कर बताया कि मैंने पाटीदार आंदोलन में 15 युवाओं की मौत के चलते अपनी ही पार्टी के खिलाफ वोट दिया है। इसी साल गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में बीजेपी विधायक के ये ऐलान बड़े सवाल खड़ी करती है।
रात करीब पौने दो बजे आए नतीजे गुजरात के राज्यसभा चुनाव में अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत पहले से ही पक्की नजर आ रही थी हालांकि तीसरी सीट पर कांग्रेस नेता अहमद पटेल की जीत को लेकर कांग्रेस ने भी एड़ी चोटी का जोर लगा रखा था। यही वजह है कि कांग्रेस के विधायक बागी न हो जाएं इसके लिए अपने 44 विधायकों को लेकर बेंगलुरू के एक रिसॉर्ट में लेकर गए। एक दिन पहले ही कांग्रेस विधायक गुजरात पहुंचे, लेकिन वोटिंग के दौरान फिर से कांग्रेस के दो विधायकों ने बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में वोट कर दिया। हालांकि इस दौरान उन्होंने अपने वोट बीजेपी एजेंट को दिखा दिए, जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया और चुनाव आयोग ने दोनों कांग्रेस के बागी विधायकों के वोट रद्द करने का फैसला सुनाया। इससे पहले चुनाव आयोग से मिलने बीजेपी के 6 केंद्रीय मंत्री पहुंचे और अपना पक्ष रखा। इसके बाद कांग्रेस पार्टी के भी कई बड़े नेता चुनाव आयोग पहुंचे। करीब तीन बार दोनों पक्ष चुनाव आयोग पहुंचे, आखिरकार 11.30 बजे फैसला आया जिसमें चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायत को मानते हुए उनके दोनों बागी विधायकों के वोट रद्द कर दिए। इस तरह से गुजराज में 174 वोटों की गिनती की गई। जिसमें अहमद पटेल को 44 वोट मिले। अमित शाह को 46 वोट और स्मृति ईरानी को 45 वोट मिले।
बीजेपी जा सकती है कोर्ट
चुनाव आयोग के फैसले का जहां कांग्रेस खुश है , वहीं बीजेपी ने इस पर सवाल उठाए है और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हम कानून का दरवाजा खटखटाएंगे।