लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नाटकीय घटनाक्रम ने सभी को अचरज में डाल दिया है, क्योंकि अखिलेश-रामगोपाल की पार्टी में वापसी हो गई है। सुबह से यही चर्चा छाई रही कि यूपी के सीएम अखिलेश यादव बगावत कर जहां पहुंच गए हैं, वहां से वापसी संभव नहीं है। लेकिन आजम की मध्यस्थता में जो कुछ हुआ, उसके बारे में कोई कुछ सोच तक नहीं रहा था। इतना बड़ा सस्पेंस तो हिट फिल्मों में भी देखने को नहीं मिलता। लेकिन अभी सस्पेंस का अंत नहीं हुआ है। उम्मीदवारों की लिस्ट को अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है।
दरअसल, 1992 में अपने गठन के बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रही समाजवादी पार्टी को मुलायम सिंह यादव शनिवार को संभालते दिखे। मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल यादव को पार्टी से बाहर करने का फैसला 20 घंटे बाद ही वापस ले लिया। इसका एलान भी खुद मुलायम ने नहीं, बल्कि शिवपाल ने पहले ट्वीट कर और भर्राई आवाज में मीडिया से बात कर किया।
वही शिवपाल जिन्होंने शुक्रवार को बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश को बाहर करने की बात नेताजी के कान में कही थी। मुलायम-शिवपाल के इस यू-टर्न के पीछे वजह आजम खान रहे, जो सुलह की कोशिशें करा रहे थे। इससे पहले, अखिलेश से मिलने सपा के 224 में से 200 विधायक पहुंचे। जबकि मुलायम से मिलने सिर्फ 15 विधायक आए थे।
मुलायम सिंह यादव ने शनिवार को 393 कैंडिडेट्स की मीटिंग बुलाई। लेकिन उनके यहां सिर्फ 17 विधायक और 103 उम्मीदवार पहुंचे। बाद में यह मीटिंग रद्द हो गई। अखिलेश के घर हुई मीटिंग में 224 में से 207 विधायक शामिल हुए। 37 एमएलसी और 53 कैंडिडेट्स भी शामिल हुए।
इसके बाद अखिलेश मुलायम से मिलने पहुंचे। आजम खान ने सुलह की कोशिशें कीं तो मुलायम सिंह अखिलेश का निष्कासन वापस लेने को राजी होते दिखे। वहीं, जब शिवपाल को मुलायम-अखिलेश-आजम की मीटिंग के लिए बुलाया गया तो उन्होंने फोन पर कहा, ‘अब क्या बचा है? हमारी तो इज्जत मिट गई।’
मुलायम, अखिलेश, शिवपाल और आजम की मीटिंग खत्म हुई। बाद में शिवपाल सामने आए। कहा-हम लोग नेताजी से मिलने गए थे। नेताजी का मुझे आदेश मिला है कि अखिलेश और रामगोपाल यादव को बहाल किया जाता है और उनका निष्कासन रद्द किया जाता है। हम सांप्रदायिक ताकतों से लड़ेंगे और उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाएंगे। सब बातचीत करके प्रत्याशी तय करेंगे और 2017 के चुनाव में उतरेंगे। हम सब लोग बैठकर बातचीत करके लिस्ट पर फैसला लेंगे।
बीते हफ्ते मुलायम ने अपने 325 कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी की। इसमें से कई नाम अखिलेश को नापसंद थे। अखिलेश ने फिर 235 कैंडिडेट्स की अपनी नई लिस्ट जारी कर दी। अखिलेश-रामगोपाल मिलकर शिवपाल को बाहर करने की तैयारी में थे। इसकी भनक मुलायम-शिवपाल को लग गई।
दरअसल, मुलायम ने रामगोपाल को निकालने का फैसला ले लिया था पर शिवपाल ने अखिलेश का भी नाम जुड़वा दिया था। दोनों 6 साल से लिए पार्टी से निकाल दिए गए थे।