अाेपिनियन पाेस्ट ब्यूराे
नई दिल्ली । इन दिनाें अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा बेहद गुस्से में है। कारण है एससी / एसटी (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम में संशोधन, जिसके विराेध में संस्था से जुड़े ब्राह्मण समाज के हजाराें लाेगाें ने रविवार काे सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताते हुए एक सांकेतिक धरने का आयोजन किया और मांग की कि आर्थिक स्थिति आरक्षण के लिए मानदंड होना चाहिए । संस्था के अध्यक्ष, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासाभा राधेश्याम शर्मा ने कहा कि अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम में संशोधन, भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को खत्म करने, महाराष्ट्र के सुभाष काशीनाथ महाजन बनाम राज्य मामले में सरकार की तरफ से प्रकृति में फैलाया गया अल्ट्रावायरस है। यह भारत के संविधान द्वारा गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। संस्था की तरफ से सरकार काे एक ज्ञापन भी साैंपा गया।
एबीबीएम अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि उनका संगठन आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए अखिल भारतीय जागरूकता कार्यक्रम शुरू करेगा, न कि जाति के आधार पर । एबीबीएम ने कहा कि एबीबीएम सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे जी से इसका हिस्सा बनने के लिए संपर्क करेगा। एबीबीएम आर्थिक आधार पर आरक्षण के फायदों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए पूरे देश में बैठकों का आयोजन करेगा।उन्होंने बताया कि वे किसी भी राजनीतिक संगठन का हिस्सा नहीं हैं।
सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जाति आधारित आरक्षण समाज की प्रगति में स्थायी गति-ब्रेकरहै, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासाभा के महासचिव आर डी वत्स ने कहा कि जाति आधारित आरक्षण देश के समग्र विकास और विकास में बाधा डालता है।उन्होंने यह भी कहा कि वे संशोधन को चुनौती देने के लिए सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
एबीबीएम हर महीने के तीसरे रविवार को शाम 6 बजे से 7 बजे तक दिल्ली, एनसीआर, जयपुर, अहमदाबाद, मुंबई, जम्मू-कश्मीर और उत्तरप्रदेश के अलग-अलग शहरों सहित भारत के 100 से अधिक शहरों में कैंडल मार्च का अायाेजन करेगा। एबीबीएम जल्द ही पूरे भारत में लोगों की सामान्य श्रेणी के लाेगाें की एक संयुक्त समिति भी बनायेगा और रामलीला मैदान में जल्द ही एक रैली आयोजन करेगा।