सीरिया में केमिकल हमले के बाद अमसीरियाई सरकार के खिलाफ बड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है। अमेरिका के साथ लामबंद फ्रांस और ब्रिटेन ने सीरिया के होम्स के पश्चिम स्थित केमिकल भंडारण ठिकाने, कमांड पोस्ट व केमिकल उपकरण भंडारण ठिकाने और दमिश्क स्थित साइंटिफिक रिसर्च सेंटर पर हमला बोला।
सीरिया के तीन ठिकानों पर हमला किया गया। अमेरिका ने सीरिया पर हमला करने के लिए B-1 बॉम्बर्स, टोरनाडो जेट्स और युद्धपोत का इस्तेमाल किया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि यह शैतान की इंसानियत के खिलाफ की गई कार्रवाई का जवाब है। वहीं, रूस ने इसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अपमान बताया है। उसका कहना है कि वह इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। खुद पुतिन ने ट्रम्प को मौजूदा दौरा का हिटलर तक कह दिया है।
बता दें कि 7 अप्रैल को सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले शहर डूमा में हुए संदिग्ध रासायनिक हमले में 80 लोगों की मौत हुई थी। 9 अप्रैल को अमेरिका ने इस हमले के बाद सीरिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी।
2011 में सीरिया में सिविल वॉर हुआ। कुछ मुट्ठीभर बच्चों की गिरफ्तारी से शुरू हुआ ये संघर्ष सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद दुनिया के लिए अब तक का सबसे बड़ा ह्यूमन क्राइसिस बन चुका है। इसके बाद जुलाई 2011 में सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए सीरियन आर्मी के अफसरों के एक ग्रुप ने सेना छोड़ फ्री सीरियन आर्मी का गठन किया।