ओपिनियन पोस्ट।
अमेरिका ने 90 विदेशी सामानों से शुल्क-मुक्त की छूट खत्म कर दी है। इनमें भारत से आयातित 50 उत्पाद शामिल हैं। ज्यादातर उत्पाद हैंडलूम और एग्रीकल्चर सेक्टर से संबंधित हैं। इन उत्पादों को अब तक तवज्जो देकर सामान्यकृत प्रणाली (जीएसपी) के तहत शुल्क से छूट दी गई थी। अब चीन को चावल और सरसों बेचकर केंद्र सरकार व्यापार घाटा कम करेगी।
अमेरिकी फेडरल रजिस्टर ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की। इससे पहले भी भारत को अमेरिकी सरकार की ओर से व्यापार पर झटका मिल चुका है। लेकिन यह फैसला किसी देश को लक्ष्य करके नहीं लिया गया था, बल्कि अमेरिका ने इस लिस्ट का निर्धारण वस्तुओं के आधार पर ही किया जिसकी जद में 50 भारतीय उत्पाद भी आ गए।
गौरतलब है कि भारत अमेरिका की शुल्क-मुक्त निर्यात नीति का सबसे बड़ा लाभार्थी है। पिछले साल अमेरिका में आयात पर कुल 21.1 अरब डॉलर का शुल्क माफ किया गया था, जिनमें 5.6 अरब डॉलर का लाभ अकेले भारत को मिला था।
इन उत्पादों को अब तक जीएसपी के तहत शुल्क से छूट दी गई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को इस संबंध में घोषणा की। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि के एक अधिकारी ने कहा कि एक नंवबर से इन उत्पादों को जीएसपी कार्यक्रम के तहत ड्यूटी फ्री इंपोर्ट का फायदा नहीं मिलेगा। हालांकि, सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र के तौर पर निर्धारित शुल्क दरों पर आयात जारी रखा जा सकता है। अमेरिका के जीएसपी कार्यक्रम का भारत सबसे बड़ा लाभार्थी है।
अमेरिका का जीएसपी कार्यक्रम क्या है ?
जीएसपी को विभिन्न देशों से आने वाले हजारों उत्पादों को शुल्क मुक्त प्रवेश की अनुमति देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। जिन उत्पादों की शुल्क मुक्त आयात की रियायत रद्द की गई है, उनमें भारत के 50 उत्पाद हैं। 2017 में जीएसपी के तहत भारत का अमेरिका को शुल्क मुक्त निर्यात 5.6 अरब डॉलर से ज्यादा का रहा।
दरअसल, भारत ने जून महीने में ही विश्व व्यापार संगठन (WTO) को अवगत करा दिया था कि 30 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाया जाएगा। भारत ने मोटरसाइकल, भारी मशीन, बादाम, झींगा मछली और चॉकलेट के अमेरिका से आयात पर टैरिफ लगाने का फैसला तब किया, जब ट्रंप ने अमेरिका में आयात हो रहे भारतीय स्टील एवं ऐल्युमीनियम को ऊंची दरों के शुल्क से मुक्त करने से इनकार कर दिया।
शुल्क पर संग्राम के बीच खुशखबरी भी
शुल्क पर छिड़े संग्राम के बीच अच्छी खबर यह है कि भारत को ईरान से तेल आयात पर अमेरिका से छूट मिलने की पूरी संभावना है। ट्रंप प्रशासन भारत को ईरान से मार्च 2019 तक प्रति माह 12.5 लाख टन तेल आयात की छूट देने का आधिकारिक ऐलान कुछ दिनों में ही कर सकता है।
गौरतलब है कि अमेरिका से द्विपक्षीय कारोबार में भारत को बड़ा फायदा मिलता है और इस फायदे के चलते भारत अपने कुल व्यापार घाटे को कम कर लेता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की कमान संभालने के बाद ही ऐसे उत्पादों को टैक्स फ्री श्रेणी से बाहर कर अपने द्विपक्षीय व्यापार में घाटे को कम करने की वकालत की थी।