आज से समाजसेवी अन्ना हजारे रामलीला मैदान पर भूख हड़ताल पर बैठने जा रहे हैं। खास बात ये है कि पिछली बार के उलट इस बार उनके निशाने पर केंद्र की मोदी सरकार है। उनकी मांग किसानों के हक के लिए ठोस कदम की है। वो किसानों की सुनिश्चित आय, पेंशन, खेती के विकास के लिए ठोस नीतियों समेत कई मांगों को लेकर धरने पर बैठ हैं। दिल्ली पुलिस ने अन्ना को रामलीला मैदान में शुक्रवार से अनशन की अनुमति दे दी है।
सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए अन्ना ने मीडिया में कहा कि जो ट्रेनें प्रदर्शनकारियों को लेकर दिल्ली आ रही थीं उन्हें रद्द कर दिया गया। क्या आप उन्हें हिंसा की ओर ले जाना चाहते हैं। मेरे लिए पुलिस फोर्स भी तैनात कर दी गई। मैंने कई पत्र लिखे कि मुझे पुलिस सुरक्षा नहीं चाहिए। आपकी सुरक्षा मुझे नहीं बचाएगी। सरकार का यह रवैया ठीक नहीं है।
लोकपाल के लिए अपना विरोध शुरू करने के साथ ही अन्ना ने आगे कहा, ‘मैंने कई बार अनशन किए, कभी भी किसी तरह की हिंसा नहीं की। इस बार सरकार ने पता नहीं क्यों यहां आनेवाले लोगों को रोकने के लिए ट्रेनें और बसें रोक दीं, यह लोकतंत्र का गला घोंटने वाली बात है। सरकार किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है।’