सुनील वर्मा
केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तत्वाधान में उद्योग संगठन एसोचैम की तरफ से ‘सड़क सुरक्षा- जीवन सुरक्षा’ को लेकर बुधवार को हुए सम्मेलन में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भागती दौड़ती जिंदगी में जिस तरह सड़कों ने इंसान के सफर को आसान बनाया है, उसी तरह इस बात के भी प्रयास होने चाहिए कि सड़क पर चलने वाले लोगों की जिंदगी सुरक्षित रहे। वक्ताओं ने सड़क हादसों में साल दर साल हो रही बढ़ोतरी पर चिंता जताते हुए मानवीय जीवन की सुरक्षा के लिए सरकार के साथ सभी संस्थाओं से मिलकर काम करने का आह्वान किया।
एसोचैम की तरफ से आयोजित ‘सड़क सुरक्षा-जीवन सुरक्षा’ के दूसरे सम्मेमन में ‘सड़क सुरक्षा में और सुधार’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया था। इसमें हरियाणा के परिवहन मंत्री कृष्णलाल पवार, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय व एसोचैम के अधिकारियों के अलावा सड़क सुरक्षा व इससे संबंध रखने वाली विभिन्न संस्थाओं के विशेषज्ञ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
एसोचैम के नेशनल काउंसिल आॅफ हेल्थ एंड हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. बीके राव ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि सड़क सुरक्षा आज इंसान की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसमें लगातार सुधार की आवश्यकता है। मणिपाल यूनिवर्सिटी, जयुपर के प्रेसीडेंट ने सड़क सुरक्षा के व्यावसायिक अध्ययन की जरूरत पर ज्यादा ध्यान देने पर जोर दिया। राइज इंडिया के सीईओ अजय छंगनल ने कहा कि सड़कें इंसान को संघर्ष का रास्ता दिखाती है। इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि इंसान के जीवन का अंत सड़क पर न हो।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव अभय दामले ने कहा कि केंद्र सरकार सड़कों के विस्तार और इन पर यातायात सुलभ व सुरक्षित बनाने के लिए गंभीरता से काम कर रही है। गोष्ठी में दिल्ली पुलिस की संयुक्त आयुक्त (ट्रैफिक) गरिमा भटनागर ने कहा कि देश में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता के सबसे ज्यादा काम कर रही है।
हरियाणा के परिवहन मंत्री कृष्णलाल पवार ने सड़क हादसों में हर साल होने वाली वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र के साथ हरियाणा सरकार भी सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठा रही है। हरियाणा में जल्द ही इस कड़ी में किए जा रहे प्रयासों के तहत ड्राइवरों को व्यावसायिक लाइसेंस देने से पहले आंखों की जांच (विजन टेस्ट) की अनिवार्यता का नियम लागू किया जाने वाला है। कर्नाटक में ऐसा पहले ही किया जा चुका है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ के मुख्य महाप्रबंधक एचएम नकवी ने एनएचआई की तरफ से सड़क सुरक्षा को लेकर बनाई गई नीतियों को उल्लेख किया और बताया कि इस दिशा में तेजी से कई नए कदम उठाने की तैयारी चल रही है। गोष्ठी में ट्रैक्स एनजीओ की रजनी गांधी और दिल्ली के बुराड़ी स्थित ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के हेड एसके पुरी ने इंसान की उन लापरवाहियों पर प्रकाश डाला जिनकी वजह से सड़क हादसे होते हैं।