रंजना
इटली के मिलान शहर की अदालत ने फरवरी 2010 में हुए 12 वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर सौदे में कदाचार होने का फैसला सुनाया है। 3600 करोड़ रुपये के इस सौदे में 350 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वतखोरी पाई गई है। इसके लिए किस्टन मिशेल को मुख्य दोषी बताया गया है। यह खबर इटली से आई है और इसने दिल्ली में रायसीना रोड का राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। जब से यह खबर आई है कि भाजपा सिग्नोरा(सोनिया) गांधी, उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, वरिष्ठ नेता आस्कर फर्नांडीज पर हमले बोल रही है, वहीं कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री मोदी और इटली के प्रधानमंत्री के बीच सौदेबाजी होने का आरोप लगा रहे हैं।
कांग्रेस जहां बोफोर्स घोटाले का इतिहास देखकर नए घोटाले की आंच से सहमी हुई है, वहीं सत्ता पक्ष के तेवर काफी आक्रामक हैं। केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी साफ कहते हैं कि सोनिया गांधी बताएं, वह सफाई पेश करें। उनके इटली में जानकार लोग हैं और पता करके बताएं कि घोटाले में उनका नाम कैसे आ रहा है। हाल में राज्यसभा सदस्य बने सुब्रमण्यम स्वामी ने मोर्चा खोल दिया है। वह साफ कहते हैं कि इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सुब्रमण्यम स्वामी, अहमद पटेल समेत अन्य जिन कांग्रेस नेताओं के नाम आये हैं, उनसे पूछताछ होनी चाहिए।
कांग्रेस ने इसे लेकर नई चाल चली है। राज्यसभा में कांग्रेस के सदन में नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी और इटली के प्रधानमंत्री माटेओ रेंजी सितंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर मिले थे। इसमें दोनों के बीच सौदेबाजी हुई थी कि इटली भारत को सोनिया गांधी के परिवार से जुड़ी सूचना मुहैय्या कराए और भारत इसके एवज में मछुआरों की हत्या की आरोप का सामना कर रहे दोनों इतालवी नौसैनिकों को इस आरोप से मुक्त कर देगा। आजाद के इस आरोप के बाद सत्ता पक्ष को भी इस मामले में सफाई देनी पड़ी। राजीव प्रताप रुडी, अरुण जेटली, मुख्तार अब्बास नकवी समेत कई नेताओं को आगे आना पड़ा।
दरअसल, यूपीए -दो सरकार के समय में एक के बाद एक घोटाले(टू-जी, कोयला, कॉमनवेल्थ) खुलने शुरु हुए। इसमें अधिकांश यूपीए-1 सरकार के समय में हुए थे। इसी कड़ी में रक्षा सौदे से जुड़ा यह घोटाला उसका काफी पार्टी के नया सिरदर्द बनकर आया है। इस घोटाले की अदालती प्रक्रिया के क्रम में इटली की अदालत में तमाम दस्तावेज दाखिल हुए हैं। गवाहों के बयान हुए हैं। इनमें भारतीय नेताओं, रक्षा मंत्रालय, वायुसेना मुख्यालय समेत अन्य भारतीयों के नाम हैं। कुछ को दी गई करोड़ो रुपये की घूस की राशि का जिक्र है तो कुछ के नाम सांकेतिक भाषा में हैं तथा उनके लिए घूस की राशि रिजर्व रखे जाने की बात कही गई है। इसी को लेकर रायसीना रोड से लेकर इटली के मिलान शहर तक हंगामा बरपा है।
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330 करोड़ रुपये की दी गई घूस
क्रिस्टन मिशेल मुख्य आरोपी है। भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय अभी तक इससे पूछताछ नहीं कर सकी है। इटली के जांच कर्ताओं ने भी मिशेल से पूछताछ नहीं की है, लेकिन इसके डायरी के पन्नो, पत्रों, अन्य दस्तावेजों से 330 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी की बात सामने आई है। भारत में भी मिशेल की बेनामी संपत्ति होने की जांच की जा रही है। दिल्ली के सफदरजंग में एक फ्लैट, लक्जरी कार, रूपये और एफडी जमा हैं।
दस्तावेजों के अनुसार मिशेल के पास उसकी कंपनी ग्लोबल सर्विसेज एफजेडई के माध्यम से मीडिया मैनेजमेंट की जिम्मेदारी थी। दस्तावेजों को मुताबिक अगस्टावेस्टलैंड की राह का कांटा दूर करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 120 -125 करोड़ रुपये रिश्वत दी गई।
26 मई 2014 : एनडीए की मोदी सरकार
-26 मई 2014 को केन्द्र में नई सरकार के आने के बाद कई कदम उठाए गए। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन और गोवा के राज्यपाल बीवी वांग्चू से सीबीआई पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन यूपीए सरकार के समय में ऐसा संभव नहीं हो पा रहा था। नई सरकार के सत्ता में आने के बाद जांच एजेंसी ने दोनों महामहिम से पूछताछ शुरू की। माना जा रहा है कि इसी क्रम में दोनों राज्यपालों को अपना पद भी छोडऩा पड़ा।
-3 जुलाई 2014 को फिनमेकेनिका और इसकी सिस्टर कंपनी अगस्तावेस्टलैंड को प्रतिबंधित सूची में डालने की प्रक्रिया पूरी हुई और इन्हें केन्द्र सरकार के साथ किसी भी तरह के वाणिज्यिक लेन-देन से बाहर रखने का निर्णय लिया गया।
-22 जुलाई 2014 में सरकार ने अटार्नी जनरल की राय के आधार पर अगस्तावेस्टलैंड और इसकी मातृ कंपनी फिनमेकेनिका को मोदी सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा बनने की इजाजत दे दी। रक्षा मंत्रालय ने एक आदेश जारी करके कहा कि भारतीय साझीदार के साथ मिलकर कंपनी भारत में निवेश कर सकती है।
-अगस्त 2014 में इंडियन फारेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड(एफआईपीबी) ने इंडियन रेट्रोक्राफ्ट लिमिटेड(आईआरएल ) के साथ संयुक्त उपक्रम की इजाजत दे दी। इसके तहत अगस्तावेस्टलैंड और टाटा ने मिलकर एडब्ल्यू 119 रिकॉनिसेंस एंड सर्विलांस हेलीकाप्टर का उन्नत वर्जन तैयार करने पर सहमत हुए।
-अप्रैल 2015 में नौसेना के लिए जरूरी 100 यूटिलिटी हेलीकॉप्टर के लिए प्रस्ताव में भाग लेने की अनुमति दे दी है।
अब क्या होगा?
विदेश मंत्रालय ने दूतावास से संपर्क करके मिलान से अदालत की कॉपी लेकर इसे रक्षा मंत्रालय, सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय सौंप दी है। अब सरकार फैसले की कॉपी का अध्ययन कर रही है। सरकार की मंशा रिश्वतखोरी के तह तक जाने और दोषियों को सजा दिलाने की है।
एयरचीफ मार्शल एसपी त्यागी, पूर्व वायुसेनाध्यक्ष
बेहतरीन फाइटर पाइलट और जीवन के अंतिम दौर तक ईमानदार वायुसैनिक रहे हैं। एयरचीफ मार्शल के समय में वायुसेना ने अपनी आपरेशनल तैयारी को काफी धार दिया था। रिटायर होने का बाद वह विवेकानंद इंटरनेशनल थिंक टैंक से भी जुड़े। इस थिंक टैंक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्र भी जुड़े रहे हैं।
एयरचीफ मार्शल के समय में ही 12 वीवीआईपी अगस्तावेस्टलैंड 101 हेलीकाप्टर सौदे की बाधाएं दूर हुई थी। इसके लिए अन्य प्रतिस्पर्धियों को प्रतिस्पर्धा में शरीक होने का अवसर देने के लिए मानक में बदलाव हुए थे। यदि ऐसा न होता तो अगस्तावेस्टलैंट 101 हेलीकाप्टर इस दौड़ में शरीक न हो पाते।
एयरचीफ मार्शल एसपी त्यागी ने सीबीआई के सामने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह दिल्ली के फार्म हाऊस में हेलीकाप्टर रिश्वतखोरी के मुख्य आरोपी क्रिस्टन मिशेल, गुडो हश्के समेत अन्य से मिले थे। चार-पांच बार की भेंट वह स्वीकार चुके हैं। इस दौरान अपने रिश्तेदारों की उपस्थिति को भी उन्होंने माना है, लेकिन किसी भी तरह की रिश्वत खोरी या गरिमा विपरीत जाकर सौदे में सहयोग से इनकार किया है।
सीबीआई ने क्या किया
सीबीआई के पास मिलान( इटली) की कोर्ट द्वारा सुनाए गए निर्णय की कॉपी आ गई है। जांच एजेंसी इसका अध्ययन कर रही है और जल्द ही फैसले के साथ नत्थी दस्तावेजों में आए भारत तथा विदेशियों के नामों पर गौर कर उनसे पूछताछ कर सकती है। इस क्रम में सोनिया गांधी या फिर उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, पार्टी के वरिष्ठ नेता ऑस्कर फर्नांडीज से पूछतांछ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सीबीआई को 12 फरवरी 2013 को 12 अगस्तावेस्टलैंड वीवीआई हेलीकॉप्टर डील में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी। रक्षा मंत्रालय ने इस आशय का नोट भेजकर सीबीआई से जांच के लिए कहा था। 25 फरवरी 2013 को सीबीआई ने प्रीलिमनरी इंक्वॉयरी दर्ज की और इसमें 11 लोगों के विरुद्ध जांच प्रक्रिया आरंभ हुई।
13 मार्च को सीबीआई ने 13 लोगों के विरुद्ध प्राथमि की दर्ज की। इसमें पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एयरचीफ मार्शल एसपी त्यागी, उनके तीन रिश्तेदार, जूली डोस्का, संदीप त्यागी, क्रिसटन मिशेल, गुडो राल्फ हश्के, प्रताप अग्रवाल(आईडीएस अंफोटेक के प्रमुख) और इटली की फिनमेकेनिका, अगस्तावेस्टलैंड, आईडीएस इंफोटेक तथा एयरोमैट्रिक्स नामक चार कंपनियां शामिल हैं।
25 मार्च 2013 को करक्षा मंत्री एके एंटनी ने बयान दिया है कि हेलीकाप्टर सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है और रिश्वत ली गई है।
-25 सितंबर को सीबीआई ने क्रिस्टन मिशेल के नाम गैरजमानती वारंट जारी किया और रेडकार्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल से अपील की। मिशेल से सीबीआई जानना चाहती है कि उसने सौदे को अंतिम रूप दिलाने में कितना कमीशन लिया और इसका कैसे किन लोगों में वितरण हुआ।
सीबीआई की प्रवक्ता देवप्रीत सिंह ने बताया कि प्रक्रिया जारी है। जांच एजेंसी ने अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले की जांच के लिए देश में और विदेश में जांच को काफी आगे बढ़ाया है। इस क्रम में एयरचीफ मार्शल एसपी त्यागी, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन, गोवा के पूर्व राज्यपाल बीवी बांग्चू समेत अन्य से पूछताछ भी हुई है।
आठ देशों में जांच की दरकार
सीबीआई ने संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, सिंगापुर, ब्रिटिश वर्डिन आईलैंड, इटली, स्विट्जरलैंड, ट्यूनिशिया और मॉरीशस को लेटर रेट्रोगेटरी(एलआर) भेजा गया है। जांच एजेंसी सूत्रों के मुताबिक इन देशों तक रिश्वत खोरी के तार जुड़े हैं।
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क्या है अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला
अगस्तावेस्टलैंड की मातृ कंपनी इटली की फिनमेकेनिका है। इस कंपनी ने फरवरी 3,546 करोड़ रुपये की लगत 12 वीवीाईपी हेलीकॉप्टर का सौदा हासिल किया गया था। 2010 में हुए इस सौदे में इटली की जांच एजेंसी ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए वहां की अदालत में मुकदमा दायर किया था। इसमें आरोप थे कि क्रिस्टन मिशेल ने सौदे की लॉबिंग की और रिश्वतखोरी हुई। भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारियों, रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों, भारत के कुछ नेताओं को सौदा हासिल करने के लिए रिश्वत दी गई।
इसकी आंच भारत तक पहुंची और मामले का संज्ञान लेते हुए तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने 12 फरवरी 2013 में सीबीआई को इसकी जांच करने का आग्रह किया। ऐसा आरोप है कि इस सौदे में हेलीकाप्टर की क्षमता का मानक बदलने तथा सौदे को अंतिम रुप(एनओसी) दिलाने के क्रम में भारतीय अधिकारियों, प्रभावी लोगों को घूस दी गई।
मार्च 2013 में तत्कालीन सरकार ने संसद की संयुक्त समिति बनाकर जांच का प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्ष ने ठुकरा दिया था। स्थिति की गंभीरता देखकर केन्द्र सरकार के इटली स्थिति भारतीय दूतावास की मदद लेकर वहां की अदालत में चल रही सुनवाई, गवाही, बयान पर नजर रखना शुरू किया। इसके लिए एक विधि परामर्शदाता की सेवा ली गई तथा रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और सीबीआई के एक वरिष्ठ अफसर को इस कार्य में लगाया गया।
प्रतिबंधित सूची में डालने की कवायद
घोटाला सामने आने के बाद केन्द्र सरकार ने 10 फरवरी 2014 को अगस्तावेस्टलैंड और इसकी मातृकंपनी फिनमेकेनिका को प्रतिबंधित सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू की। यह कार्रवाई तीन जुलाई 2014 को पूरी हुई।
डिफेंस इंटीग्रिटी पैक्ट
रक्षा मंत्रालय और फिनमेकेनिका की सिस्टर कंपनी के बीच सौदे की शर्तो पर समझौता हुआ था। डिफेंस इंटीग्रिटी पैक्ट पर दस्तखत हुए थे। इसमें तय हुआ था कि निविदा पाने वाली कंपनी किसी तरह के भ्रष्टाचार, कदाचार में लिप्त नहीं होगी। आर्टिकल 22 और 23 में इसका साफ उल्लेख है कि सौदे की किसी भी अवस्था में नियम और शर्तों का उल्लंघन पाए जाने पर सौदा रद्द कर दिया जाएगा, बैंक गारंटी जब्त कर ली जाएगी तथा इसके एवज में हुई हानि का भुगतान खरीददार कंपनी करेगी। इसी को आधार बनाकर रक्षा मंत्रालय ने 1620 करोड़ रुपये के भुगतान के बदले इटली की कोर्ट के माध्यम से 2068 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी तथा अगस्तावेस्टलैंड के तीन हेलीकाप्टर को जब्त कर लिया था।
घटना क्रम
1990 : भारतीय वायुसेना ने देश के विशिष्ट व्यक्तियों के लिए रूस के एमआई-8 हेलीकाप्टर को बदलने का सुझाव दिया।
मार्च 2002 : चार अंतरराष्ट्रीय हेलीकाप्टर निर्माता कंपनियों ने रुचि दिखाई। इनमें यूरोकाप्टर ईसी-225 ही 6000 मी. उऊचाई तक उड़ान भर सकता था।
-दिसंबर 2003 : तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बृजेश मिश्र ने एकल विक्रेता की स्थिति से बचने के लिए वायुसेना को तकनीकी शर्तों (मानक)को संतुलित करने को कहा।
-मार्च-सितंबर 2005 : तकनीकी मानक बदले गए। तब प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री और एयरचीफ मार्शल एसपी त्यागी वायुसेनाध्यक्ष थे।
सितंबर 2006 : वीवीआईपी हेलीकाप्टर के लिए अंतरराष्ट्रीय निविदा जारी। एड्व्ल्यू 101, एस-92, रूस के एमआई-172 का आवेदन। रूस दौड़ से बाहर।
अक्टूबर 2006 : एके एंटनी रक्षा मंत्री बनो।
मार्च 2007 : एयरचीफ मार्शल त्यागी रिटायर हुए।
2008: फील्ड ट्रायल में एस-92 और एडब्ल्यू(अगस्तावेस्टलैंड) 101 को एसपीजी और वायुसेना ने प्रमुखता दी।
फरवरी 2010: अगस्तावेस्टलैंड के साथ 12 वीवीआईपी हेलीकाप्टर का सौदा हुआ
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सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष
हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। अगर अगस्तावेस्टलैंड हेलीकाप्टर घोटाले में कोई मेरा नाम लेता है तो लेने दीजिए। इस मामले में झूठ बोला जा रहा है और उन्हें झूठ बोलने दीजिए। मैं इससे घबराती नहीं हूं। अगर इन्हें सच्चाई सामने लानी होती तो दो साल में जांच पूरी कर लेते।
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दिग्विजय सिंह
कांग्रेस महासचिव
जवाब तो प्रधानमंत्री मोदी जी को देना चाहिए कि कैसे उन्होंने एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी को टाटा के साथ रक्षा मंत्रालय की राय का इंतजार किए बिना एफआईपीबी बोर्ड की मंजूरी दिलाकर भारत में निवेश करने की इजाजत दी। वह बताएं कि इसको लेकर उनकी इटली की कंपनी के साथ क्या डील हुई है।
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मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री
मेरे खिलाफ जवाब का कोई आधार नहीं बनता। इस मामले में पार्टी अपने स्तर से जवाब देगी।