रामपाल की गिरफ़्तारी के चार साल बाद मंगलवार को अतिरिक्त जिला सत्र जज डीआर चलिया सज़ा सुना सकते हैं। बताते चलें कि 11 अक्टूबर को रामपाल और अन्य आठ आरोपियों को दो मामलों में दोषी क़रार दिया गया था। रामपाल को बरवाला में मौजूद उनके आश्रम से 19 नवंबर, 2014 को गिरफ़्तार किया गया था।
जेल के अंदर ही कोर्ट बनाया गया था। पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा की गई थी। हिसार और आसपास के इलाकों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
2006 में रामपाल के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। 22 महीने जेल में रहने के बाद उन्हें बाद में ज़मानत मिल गई थी। लेकिन इसके बाद वो कई बार अदालत में पेश नहीं हुए और उनकी ज़मानत रद्द कर दी गई थी। कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन रामपाल ने ऐसा नहीं किया।
इस बीच कई बार ऐसा हुआ कि अदालत में पेशी के दौरान सैंकड़ों की संख्या में उनके अनुयायी अदालत पहुंचने लगे।