सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक , बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय का ऐलान कर दिया है। सोमवार की इसकी जानकारी दी गई । बैंकिंग सेक्टर में बैंकों के विलय पर ‘वैकेल्पिक मैकेनिज्म’ की बैठक के बाद इसका ऐलान किया गया। इस प्रस्ताव को अब इन तीनों बैंकों के बोर्ड मंजूरी देंगे।
विलय के बाद तीनों बैंकों का एडवांस बेस 6.4 लाख करोड़ हो जाएगा। साथ ही तीनों बैंकों का डिपोजिट बेस 8.41 लाख करोड़ हो जाएगा। तीनों का एनपीए 80,000 करोड़ रुपये का होगा। ग्रॉस एनपीए रेश्यो 13 फीसदी के आसपास होगा।
2017 में भारतीय स्टेट बैंक के 5 सहायक बैंकों का विलय किया गया। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक का यह विलय दूसरा होगा। भारतीय स्टेट बैंक के 5 सहायक बैंकों के विलय का अनुभव अच्छा रहा है। इसी वजह से सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय का फैसला किया गया। विलय के बाद यह सार्वजनिक क्षेत्र का तीसरा बड़ा बैंक बन जाएगा
विलय के बाद बैंक के कर्मचारियों की संख्या बढ़ कर 85 हजार हो जाएगी। सरकार ने भरोसा दिया है कि विलय की वजह से किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं की जाएगी। बैंक की देश भर में 9500 शाखाएं होंगी।