अभिषेक रंजन सिंह, नई दिल्ली।
महागठबंधन टूटने और भाजपा के सहयोग से नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद बिहार कांग्रेस की हालत काफी दयनीय हो गई है। आशंका है कि बहुत जल्द प्रदेश कांग्रेस में एक बड़ा विभाजन हो सकता है। इस बीच बिहार कांग्रेस इकाई में मचे घमासान और पार्टी में टूट की आशंका के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने आरोप लगाया है कि एक साजिश के तहत उन्हें पार्टी अध्यक्ष के पद से हटाने की कोशिश की जा रही है। उनके मुताबिक इस साजिश में पार्टी के कई नेता शामिल हैं। अगर ऐसा होता है तो यह कांग्रेस के भविष्य के लिए अच्छा नहीं होगा।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस भितरघात में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने दोहराया कि उनकी निष्ठा पर अगर कोई शक करता है तो वह पार्टी के साथ छल कर रहा है। उनके अनुसार वे पच्चीस वर्षों से कांग्रेस में जुड़े हैं और काफी मेहनत से पार्टी को बिहार में मजबूत किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे ही ऊपर पार्टी तोड़ने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है।
गौरतलब है कि बिहार कांग्रेस इकाई में बिखराव की बातें पिछले कई दिनों से सियासी गलियारे में चल रही है। खासकर महागठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस के विधायकों में एकजुटता की कमी देखी जा रही है। यही वजह है कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार के सभी 27 विधायकों को दिल्ली तलब किया है। वहीं बिहार में कांग्रेस विधायकों की राय जानने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बिहार के दौरे पर गए थे।