बिहार बस हादसे में 27 जिंदा जले

मुजफ्फरपुर।

मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही एक बस मोतिहारी के एनएच-28 पर पलट गई, जिससे उसमें आग लग गई। दुर्घटना के कारण बस के 27 यात्रियों की झुलसकर मौत हो गई। आंकड़े की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी थी। अलबत्‍ता बिहार के आपदा मंत्री दिनेश चंद्र यादव ने मोतिहारी बस हादसे में 27 यात्रियों की मौत की जानकारी मिलने की बात कही है।

दुर्घटना पूर्वी चंपारण जिला मुख्‍यालय मातिहारी के समीप कोटवा क्षेत्र में बंगरा के समीप मोगा होटल के पास बृहस्‍पतिवार की शाम को हुई। मृतकों की संख्‍या कम हो सकती थी, अगर राहत व बचाव कार्य समय पर शुरू हो गया होता। हादसे के एक घंटे के बाद फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। तब तक बस जल चुकी थी। इससे लोगों में आक्रोश है।

घटना पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक और सीएम नीतीश कुमार ने दुख जताया है। मुख्‍यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत के मुताबिक दुर्घटनाग्रस्‍त बस से आठ लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

साहिल बस सर्विस की बस मुजफ्फरपुर के बैरिया बस स्‍टैंड से दिल्ली के लिए चली थी। बस से दिल्ली जाने के लिए 32 लोगों ने ऑनलाइन बुकिंग कराई थी। बस में कितने यात्री सवार थे, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है। वैसे, बस में 50 यात्रियों के सवार होने की जगह थी। बस मालिक संतोष कुमार दुर्घटना के बाद से फरार है। फर्जी नंबर लेकर बस का परिचालन किया जा रहा था।

बिहार राज्‍य ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्‍यक्ष ने कहा कि मुजफ्फरपुर से दिल्ली के लिए बस का अवैध परिचालन किया जा रहा था। इसपर रोक लगाने की मांग परिवहन विभाग से की गई थी। सभी डीटीओ को भी पत्र लिखा गया था। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई और यह हादसा हो गया। तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त ने भी बस परिचालन को अवैध बताया है।

बस में सवार घायल यात्रियों को बाहर निकाला जा चुका है। एडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहुंच चुकी हैं और राहत-बचाव कार्य जारी है। बुरी तरह घायल यात्रियों में श्रृति कुमारी (दरभंगा), संजीव कुमार (समस्तीपुर), चिंटू चौधरी (समस्तीपुर), राजदेव यादव (मुजफ्फरपुर), रिंकू कुमारी (बेगूसराय) व अमित कुमार (बेगूसराय) शामिल हैं।

ऐसे हुई दुर्घटना

बस की रफ्तार तेज थी और सामने से आ रही एक बाइक को बचाने में बस एक गड्ढ़े की वजह से असंतुलित होकर पलट गई और उसमें आग लग गई। देखते ही देखते बस धू-धूकर जलने लगी। बस में सवार लोगों को निकलने का मौका भी नहीं मिला।

राहत व बचाव में हुआ विलंब

स्थानीय लोगों ने जब धुंआ देखा तो पुलिस और प्रशासन को घटना की जानकारी दी। लोगों ने खुद से बस की आग को बुझाने का प्रयास किया लेकिन, लपटें इतनी तेज थीं कि उन्‍हें सफलता नहीं मिली। फायर ब्रिगेड के आने में विलंब हुआ, जिससे मौत का आंकड़ा बढ़ गया। स्थानीय लोगों ने खुद से बालू, मिट्टी और पानी के सहारे आग को बुझाने का प्रयास किया और जल रही बस के भीतर से बचे लोगों को भी निकाला।

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