पटना।
एक ऐसा बस हादसा जिसमें 27 लोगों की मौत की पुष्टि कर दी गई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख जताते हुए मुआवजा तक देने की बात कह दी। पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर संवेदना भी जता दी, लेकिन इसी बीच बता दिया गया कि बस हादसे में किसी की मौत ही नहीं हुई।
दरअसल, बिहार में बस हादसे को लेकर जल्दबाजी में की गई मौत की पुष्टि से नीतीश सरकार की किरकिरी हुई है। हादसे को लेकर अब एक नया दावा सामने आया है कि हादसे में किसी की मौत नहीं हुई है। बस में कुल 13 लोग सवार थे। बस से किसी भी यात्री का अवशेष बरामद नहीं हुआ है।
बता दें कि दावा करने वाले आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव वही शख्स हैं जिन्होंने बृहस्पतिवार को हादसे में 27 लोगों की मौत की पुष्टि की थी। हादसा बृहस्पतिवार रात का है। बिहार के मोतिहारी जिले के कोटवा इलाके में मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही एक बस पुल पर पलट कर नीचे गिर गई।
हादसे के बाद बस में आग लग गई। शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया गया कि बस में 30 लोग सवार थे। ऐसी रिपोर्ट्स के आधार पर बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव ने 27 लोगों की मौत की पुष्टि भी कर दी।
शुक्रवार को राहत बचाव कार्य पूरा होने के बाद एक अलग ही कहानी सामने आ गई। मुजफ्फुरपुर पुलिस जोन आईजी अनिल कुमार ने बताया था कि बस के अंदर से कोई शव नहीं मिला। 8 लोगों को बचाया गया और राख को फोरेंसिक लैब में भेज कर जानने की कोशिश होगी कि क्या हादसे में किसी की मौत हुई। फिर इस मामले में सफाई देने के लिए आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव सामने आ गए।
अब भी पांच लोग लापता
मंत्री के मुताबिक बस में 13 लोगों की बुकिंग थी। 8 लोगों को बचाकर अस्पताल ले जाया गया। 5 लोगों का पता नहीं चला है। मंत्री ने कहा कि हो सकता है कि ये 5 लोग पहले ही उतर गए हों। मंत्री ने कहा कि बस जलने के बाद स्थानीय लोगों की सूचना के आधार पर उन्होंने 27 लोगों की मौत का बयान दे दिया था। साफ है कि अभी भी 5 लोगों को लेकर सरकार के पास कोई स्पष्ट सूचना नहीं है।