कोई मंदिर तो कोई चुनाव सभा में

नई दिल्ली।

गुजरात में चुनावी घमासान चरम पर है। मतदाताओं को रिझाने के लिए कोई नेता मंदिर जा रहा है तो किसी नेता ने चुनाव सभाओं का रुख कर लिया है। उधर, कांग्रेस ने एक ऐसे यंग फेस पर दांव लगाया है जिसने विदेश में पढ़ाई करने के बाद चुनाव मैदान में दस्‍तक दी है। पेशे से मैनेजिंग कंसल्टेंट श्वेता ब्रह्मभट्‌ट को कांग्रेस ने मणिनगर सीट से कैंडिडेट बनाया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अच्‍छा हो या बुरा समय जनसंघ और बीजेपी ने हमेशा मोरबी के लोगों का साथ दिया है। ये बात कोई कांग्रेस और उसके नेताओं के बारे में नहीं कह सकता है। इसलिए मोरबी से भाजपा को सुख-दुख का नाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुल चार रैलियां होनी हैं। प्राची में अपनी दूसरी रैली में मोदी ने कहा कि यह मेरे दौरे का दूसरा दिन है,  मैं सौराष्ट्र से दक्षिण गुजरात तक का सफर करके आया हूं,  लोगों का उत्साह देखकर मुझे काफी अच्छा लगा, मैं देख सकता हूं कि कितनी सारी महिलाएं हमें आशीर्वाद देने आई हैं।

मोदी ने राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर दर्शन पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके परिवार के लोग मंदिर के बनने से खुश नहीं थे। अगर सरदार पटेल नहीं होते तो सोमनाथ मंदिर कभी नहीं बन पाता। राजेंद्र प्रसाद सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन करने आए थे,  लेकिन नेहरू खुश नहीं थे।

उन्‍होंने कहा कि हमने पानी की हर बूंद बचाने के लिए गुजरात में अभियान चलाया क्योंकि हमें पता है कि पानी की कमी से क्‍या होता है। हमारे लिए विकास चुनाव जीतना नहीं है बल्कि लोगों की सेवा करना है। बीजेपी ने हमेशा मोरबी के लोगों के लिए काम किया है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए मोदी ने कहा कि वे गुजरात से आते हैं, गुजरात के बेटे के बारे में झूठ फैलाते हैं और बेबुनियाद आरोप लगाते हैं। उन्होंने (कांग्रेस ने) सरदार पटेल के बारे में भी ऐसा ही किया था।

महिलाओं की सेवा करने आई हूं : श्‍वेता

Esweta

मणिनगर सीट से कांग्रेस कैंडिडेट श्वेता ने बताया कि वे महिलाओं की सेवा करने के उद्देश्य से राजनीति में आई हैं। उन्‍होंने यूनाइटेड किंगडम की वेस्टमिंस्टर बिजनेस स्कूल से मास्टर्स और आईआईएम से पॉलिटिकल लीडरशिप की पढ़ाई की है। 34 साल की श्वेता ने बताया कि कई लोग उन्हें देखकर मॉडल समझ लेते हैं। वह 2012 में स्टैंडअप इंडिया से लोन लेकर बिजेनस शुरू चाहती थीं, लेकिन मुश्किलें आने पर पॉलिटिक्स में आना तय करते हुए मैदान में उतरीं। श्वेता ने आईआईएम बेंगलुरु से पढ़ाई की है। इससे पहले की पढ़ाई उन्होंने अहमदाबाद से ही की।

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