वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पेश करते हुए रेलवे के लिए 1.48 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। अपने बजट भाषण में उन्होंने 600 स्टेशनों को आधुनिक बनाने की घोषणा की। साथ ही नैरोगेज को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा और सिर्फ ब्रॉडगेज ही रहेगा। इसके अलावा अगले कुछ सालों में सभी ट्रेनें सिर्फ इलेक्ट्रिक इंजन से ही चलेंगी। यानी डीजल इंजन का भी पूरी तरह से सफाया हो जाएगा। इससे न सिर्फ प्रदूषण को रोकने में कामयाबी मिलेगी बल्कि डीजल की खपत भी देश में काफी कम हो जाएगी जिससे विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि मुंबई लोकल का दायरा बढ़ाया जाएगा। मुंबई में 90 किमी नेटवर्क का विस्तार होगा और सभी रेल मार्गों को ब्रॉडगेज में परिवर्तित किया जाएगा। वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में सभी 11,000 ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए 3,000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया गया है। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए देश भर के सभी प्रमुख शहरी और उपशहरी स्टेशनों पर 3,000 एस्केलेटर और 1,000 लिफ्ट लगाने का प्रावधान बजट में किया गया है। इसमें वे स्टेशन शामिल होंगे जहां रोजाना यात्रियों की संख्या 25 हजार या इससे ऊपर होगी। स्टेशनों पर वाईफाई और सीसीटीवी भी कैमरे लगेंगे। रेलवे ने सभी मार्गों का विद्युतीकरण करने का फैसला किया है। इसलिए बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक इंजनों की जरूरत है।
रेलवे के लिए जेटली की मुख्य घोषणाएं
- रेलवे की बेकार पड़ी जमीन का कारोबारी उपयोग किया जाएगा
- 3,600 किमी नई रेल लाइन बिछाने का काम होगा, 600 स्टेशन आधुनिक बनाए जाएंगे
- अगले दो साल में 4,267 मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग को पूरी तरह खत्म किया जाएगा
- सभी रेलवे स्टेशन और ट्रेन में वाईफाई और सीसीटीवी की सुविधा लोगों को मिलेगी
- 18 हजार किमी के रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण किया जाएगा
- रेलवे जल्द ही पूरी तरह से इलेक्ट्रीसिटी पर निर्भर होगी, डीजल इंजन पूरी तरह से रेलवे से बाहर कर दिए जाएंगे
- इस साल 700 नए रेल इंजन तैयार किए जाएंगे।
- बेंगलुरू में उप- नगरीय रेल अवसंरचना के लिए 17,000 करोड़ रुपये का आवंटन
- 12000 वैगन, 5160 कोच और 700 लोकोमेटिव तैयार किए गए
- बुलेट परियोजना के लिए जरूरी मानव संसाधन को वड़ोदरा रेल यूनिवर्सिटी में प्रशिक्षण दिया जाएगा।