नई दिल्ली।
नई परंपरा और नए अंदाज में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में 2017 का आम बजट पेश किया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जब संसद की कार्यवाही शुरू की तो विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के निधन को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही स्थगित करने की मांग की। हालांकि इस मांग को स्पीकर ने संवैधानिक परंपरा का हवाला देकर ख़ारिज कर दिया। सांसद के निधन की वजह से बृहस्पतिवार को संसद नहीं चलेगी।
टैक्स देने वालों को थोड़ी राहत
2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा जो अब तक 10 प्रतिशत था।
50 लाख से एक करोड़ रूपये सालाना कमाने वालों को 10 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा।
प्रत्यक्ष कर वसूली देश की अर्थवस्था के अनुपात में नहीं
पिछले वित्त वर्ष में सिर्फ़ 3.7 करोड़ लोगों ने टैक्स रिटर्न भरा। सिर्फ़ 76 लाख लोग ऐसे थे जिन्होंने 10 लाख से अधिक कमाई दिखाई जबकि विदेश घूमने जाने वालों की संख्या 2 करोड़ थी। नोटबंदी की वजह से अधिक टैक्स जमा हुआ है। इतना टैक्स पहले कभी जमा नहीं हुआ।
अर्थव्यवस्था से काला धन निकालना सरकार की प्राथमिकता
कैपिटल गेन टैक्स में अब तीन साल की जगह दो साल को लॉन्ग टर्म माना जाएगा।
50 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली कंपनी के टैक्स में कटौती, अब 25 प्रतिशत टैक्स लगेगा, ये पहले 29 प्रतिशत था।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान शेरो-शायरी से संसद के माहौल को हल्का करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि काले धन पर अंकुश लगाने में नोटबंदी का फ़ैसला सफल रहा है। उन्होंने कहा कि नौकरीपेशा लोगों पर सबसे अधिक दबाव है जो सबसे ईमानदारी से टैक्स देते हैं।
रेलवे की तीन बड़ी कंपनियों आईआरसीटीसी, आईआरएफ़सी और इरकॉन के शेयर बाज़ार में लाए जाएंगे। यात्रियों की सुरक्षा पर सरकार एक लाख करोड़ खर्च करेगी। आईआरसीटीसी के ज़रिये ई-टिकट बुकिंग्स के दौरान अब सर्विस चार्ज नहीं लगेगा। अच्छे मॉनसून की वजह से कृषि क्षेत्र में 4 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की आशा है। गर्भवती महिलाओं के खाते में 6 हज़ार रुपये दिए जाएंगे, जो प्रधानमंत्री पहले ही घोषित कर चुके थे।
2019 तक एक करोड़ गरीब परिवार ग़रीबी से बाहर आ जाएंगे। सरकार पांच साल में किसानों की आय दोगुना कर देगी। ‘मनरेगा’ पर 48 हज़ार करोड़ रुपये ख़र्च होंगे जो अब तक का अधिकतम है, पिछले साल इस मद में 37 हज़ार करोड़ का प्रावधान था। अगले साल 10 लाख करोड़ रुपये कृषि कर्ज़ के तौर पर दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अगले दो साल में एक करोड़ नए घर बनाए जाएंगे।
भाषण की शुरुआत में अरुण जेटली ने कहा, “नोटबंदी एक बोल्ड और साहसिक फ़ैसला था जो जनहित में लिया गया था। अब हमारा जीडीपी स्पष्ट, ईमानदार और बड़ा होगा”।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी का “अर्थव्यवस्था पर मामूली और अल्पकालिक असर होगा, बैंक अब अधिक लोन दे पाएंगे और समाज के हर तबके का विकास होगा।” जेटली ने महात्मा गांधी को याद किया और उनका हवाला देते हुए कहा कि गांधी जी ने कहा था कि “सच्चे लक्ष्य की कभी हार नहीं होती।”