भारी-भरकम जीत के अपने-अपने दावे
चुनावी कारवां गुजर चुका है, अब फिजां में सिर्फ गुबार ही गुबार है. आम जन को २३ मई का इंतजार…
नया भारत नया नजरिया
चुनावी कारवां गुजर चुका है, अब फिजां में सिर्फ गुबार ही गुबार है. आम जन को २३ मई का इंतजार…
अफागर वे मुकदमे जिता सकते हैं, तो देश में व्याप्त बेरोजगारी क्यों नहीं दूर कर देते? अपराधियों का सया क्यों…
नेतरहाट की पहाडिय़ां अपने सौंदर्य के लिए देश भर में विख्यात हैं, लेकिन खनन कंपनियां उनकी सुंदरता पर ग्रहण लगा…
जातीय आंकड़ों पर गौर करें, तो गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम, यादव एवं आदिवासी मतदाता पूरी तरह महागठबंधन के पक्ष…
वामपंथ को उखाड़ कर समाजवाद स्थापित करने वाले मगध की जहानाबाद संसदीय सीट काफी ‘हॉट’ मानी जाती है. यूं तो…
मुंबई एवं दिल्ली में भवन निर्माण कार्य से संबद्ध मजदूर घर नहीं लौटे हैं. अधिकांश घरों में केवल महिलाएं एवं…
गिरेगी नीतीश सरकार या फिर नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल होंगे उपेंद्र कुशवाहा एवं मुकेश सहनी. टूटेगा राजद या फिर…
वामपंथ के किले में सुराख बहुत पहले हो गया था, जिसने धीरे-धीरे उसकी नींव ही खोखली कर दी. कमजोर नींव…
ओपिनियन पोस्ट का यह अंक जब आप पढ़ रहे होंगे, तब लोकतंत्र का महोत्सव समाप्त हो चुका होगा. जीत का…
नरेंद्र मोदी का विजय रथ रोकने के लिए महागठबंधन तो बना, लेकिन उसके अंदर कितनी गांठ हैं, इस सच्चाई से…
भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का गौरव हासिल है. यदि 1975 के आपातकाल को छोड़ दिया जाए,…
दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए 12 मई को मतदान होना है. आंदोलन से राजनीति का सफर तय करने…