नई दिल्ली।
रेल मंत्री पीयूष गोयल संरक्षा के प्रति काफी संजीदा हैं। उन्होंने कहा है कि संरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। ड्यूटी के दौरान टीटीई के लिए ड्रेस पहनना अनिवार्य होगा। रेलवे कोच सीसीटीवी कैमरों से लैस किए जाएंगे, जिससे संरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय रेलवे ने संरक्षा को रेलवे समय सारिणी से जोड़ते हुए नियमित ट्रैक अनुरक्षण के लिए स्थायी ब्लॉक देने के उद्देश्य से करीब 700 ट्रेनों की गति बढ़ाने और आवागमन के समय में समायोजन करने का फैसला किया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने यहां रेल भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि इसे सुनिश्चित करने के लिए एक साल के अंदर ट्रैक बदलने और अनुरक्षण के लिए ब्लॉक देने को प्राथमिकता दी है। इसके लिए पैसे की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। अगर पांच दस हजार करोड़ रुपये ज्य़ादा लग जाएं और ट्रैक अपग्रेड हो पाए तो यह अच्छा ही होगा। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी भी मौजूद थे।
हर डिब्बे में लगेंगे सीसीटीवी
रेल मंत्री ने कहा कि ट्रैक उन्नयन के साथ-साथ ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निंग सिस्टम, मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्युनिकेशन और अत्याधुनिक सिगनल प्रणाली के माध्यम से रेल दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के अलावा हर प्रमुख रेलवे स्टेशन एवं ट्रेन में सीसीटीवी कैमरों की सहायता से सुरक्षा का पूरा प्रबंध किया जाएगा।
सीआरपीएफ और टीटीई के लिए ड्रेस अनिवार्य
रेल सुरक्षा बल के हर जवान और ट्रेन टिकट निरीक्षक (टीटीई) को हर हाल में वर्दी में रहना होगा। यात्रियों की शिकायतों का उल्लेख करते हुए गोयल ने कहा कि खाने-पीने के हर सामान पर अधिकतम खुदरा मूल्य अवश्य लिखा जाएगा। मोबाइल ऐप के माध्यम से यात्रियों को जनता की शिकायतों के प्रति जवाबदेह बनाया जाएगा। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, मोबाइल तकनीक व रेलटेल के माध्यम से द्रुतगति वाली इंटरनेट सेवा के माध्यम से रेलवे की प्रत्येक संपत्ति की मैपिंग की जाएगी।
रेल कर्मचारियों को मिलेंगी पूरी सुविधाएं
रेलवे के कर्मचारियों के काम करने की दशाओं को सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। गैंगमैन के टूल किट के साथ उनके पेयजल एवं भोजन के लिए भी इंतजाम किया जाएगा। उनकी पदोन्नति पर भी ध्यान दिया जाएगा। ट्रैक की निगरानी के लिए अल्ट्रा सोनिक ब्लॉ डिटेक्शन सिस्टम मशीन खरीदी जाएगी। आईसीएफ कोचों के निर्माण को पूरी तरह से बंद करके उन्हें एलबीएच कोच से बदला जाएगा और आधुनिक प्रकाश व्यवस्था के साथ रात में भी संरक्षा कार्य कराए जाएंगे।