भारतीय सेना ने लद्दाख की 14,000 फुट ऊंची पहाड़ियों पर 100 टैंक तैनात कर दिए हैं, । चीन से लगती एलएसी सीमा पर भारत की ओर से बीते पांच सालों में जवानों की तैनाती काफी बढ़ गई है। लद्दाख के हालात और हकीकत को जानने की कोशिश की ओपिनियन पोस्ट से निशा शर्मा ने और बात की लद्दाख में भाजपा सांसद थुपस्तान चेवांग से ।
भारत चीन की तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा पर विवादों का राजनीतिक हल नहीं मिला तो चीन ने लद्दाख में मैकमोहन रेखा पर धावा बोल दिया और यह हमला आज भी जारी है इस पर आप क्या कहेंगे?
भारत की चीन विरोधी नीति सरल है। जिसकी वजह से चीन इंच इंच करके आगे बढ़ रहा है और हम उसे रोकने में नाकाम रहे हैं। 1962 हो या आज का दिन हम चीन का कभी जवाब नहीं दे पाए। हम सरकार से अनुरोध करते रहे हैं कि भारत की चीन विरोधी नीति में बदलाव किया जाए।
क्या लद्दाख में अब भी सरकार की तरफ से सेना विकास को लेकर कई अवरोधों का सामना कर रही है?
जी नहीं, अब तो कई बदलाव हुए हैं, टैंकरों की सीमा बढ़ी है, सड़कों का निर्माण किया गया है ताकि टैंकों को लाया ले जाया जा सके। पहले यह सुविधाएं नहीं थी। पहले सड़कों का निर्माण नहीं किया जाता था जिसके पीछे हमारी सोच थी कि हमारी बनाई सड़कों को चीन हमारे लिए ही इस्तेमाल कर रहा था। लेकिन ऐसा नहीं है। हमें यहां भी विकास करना होगा। 1962 के बाद से हवाई पट्टी का इस्तेमाल कर सकता था।अब हमारी तरफ से कोशिश हो रही हैं। अब चीन को अरुणाचल में भी रोकने की पूरी कोशिश की जा रही है।
क्या वजह रही कि चीन लगातार भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है और जैसा कि आपने कहा इंच-इंच बढ़ता रहा और हम उसे रोकने में नाकाम रहे है?
इसका मुख्य कारण एक तो यह है कि चीन और भारत के बीच सीमा का निर्धारण नहीं हुआ है। हमारी इमेजनरी लाइन अलग है हम लाइन आफ कंट्रोल को मानते हैं चीन उसे नहीं मानता और अपना दायरा बढ़ाता रहा है और हम पीछे हटते जा रहे हैं। हम प्रभुसत्ता से कम्प्रोमाइज कर रहे हैं। आप देखेंगे कि 1962 की लड़ाई के बाद चीन ने हर जगह जहां उसकी सीमा भारत से लगती है उसने बढ़ाने की कोशिश की है।
क्या लगता है आपको कि सरकार की ओर से क्या किया जाना चाहिए चीन मुद्दे पर?
देखिए चीन से भारत की लड़ाई अगर होती है तो भारत कहीं भी खड़ा नहीं होता। हम असमर्थ हैं चीन से लड़ाई के लिए। हमारी इतनी तैयारी नहीं है। हम चीन के आक्रमण का मुकाबला नहीं कर सकते। हमें अपनी सेन्य शक्ति को और बढ़ाने की जरुरत है। सेना तक अत्याधुनिक हथियारों को पहुंचाना होगा। चौड़ी सड़कों का और ज्यादा निर्माण करना होगा। चीन जिस कदर सीमा पर निवेश को बढ़ा रहा है हमें भी उसी तरह लद्दाख में निवेश बढ़ाना होगा। खबर है कि चीन लद्दाख के क्षेत्र में रेल लाइन बिछाने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में दो कदम आगे ना सही लेकिन उसके मुकाबले के लिए हमें कोशश करनी होगी।
आपको क्या लगता है कि इस समय लद्दाख में क्या ऐसा मुद्दा है जिस पर ध्यान देना बहुत जरुरी है?
चीन के जितने भी देशों से सीमा लगती है उसने वहां विकास किया है।चीन ने सीमा पर अपनी सड़कों को चौड़ा किया है, वहां पक्की सड़क है उसने सीमा पर रहने वाले लोगों को यह जताने की कोशिश की है कि वहां विकास हो रहा है, उसने वहां रहने वाले लोगों की आर्थिक दशा में सुधार किया है, लोगों को रोजगार दिए हैं यही नहीं लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में वहां के लोगों के पास मोबाइल सेवा और अच्छा नेटवर्क उपलब्ध करवाया है। लद्दाख में लोगों के आर्थिक सुधार पर जोर दिया जाना चाहिए। यहां के लोगों के पास रोजगार की कमी है। इस ओर हमें सोचना होगा।