केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजना के तहत ढाई रुपये की सैनिटरी नैपकिन ‘सुविधा’ लांच की है, जो पूरी तरह आॅक्सो-बायोडिग्रेडेबल है और देश भर के 3,200 जनऔषधि केंद्रों में उपलब्ब्ध होगी। सरकारी दावे के मुताबिक, यह उत्पाद देश की वंचित महिलाओं के लिए स्वच्छता, स्वास्थ्य और सुविधा जैसी कसौटियों पर खरा उतरेगा। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक और संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि औषधि विभाग की ओर से उठाया गया यह कदम सभी के लिए किफायती और गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करेगा।
उन्होंने कहा कि सभी महिलाओं के लिए यह एक विशेष उपहार है, क्योंकि यह अनोखा उत्पाद किफायती और स्वास्थ्यकर होने के साथ ही इस्तेमाल और निपटान में आसान है। उन्होंने बताया कि 28 मई, 2018 को अंतरराष्ट्रीय मासिक धर्म स्वच्छता दिवस से देश के सभी जन-औषधि केंद्रो पर सुविधा नैपकीन बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगा।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार 15 से 24 साल तक की 58 प्रतिशत महिलाएं स्थानीय स्तर पर तैयार नैपकिन, सैनिटरी नैपकिन और रूई के फाहे का इस्तेमाल करती हैं। शहरी क्षेत्रों की 78 प्रतिशत महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सुरक्षा के लिए स्वस्थ विधियां अपनाती हैं। ग्रामीण इलाके की केवल 48 फीसदी महिलाएं साफ-सुथरी सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल कर पाती हैं।
भारत के फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स ब्यूरो बीपीपीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बिप्लब चटर्जी ने कहा, ‘हम निमार्ताओं से विश्व स्वास्थ्य संगठन अच्छा विनिर्माण प्रैक्टिस (डब्ल्यूएचओ जीएमपी) मानक बनाए रखने के लिए कहेंगे।’ केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पोत परिवहन राज्य मंत्री मनसूख लाल मांडविया ने बताया कि सुविधा नैपकिन में एक विशेष प्रकार का पदार्थ मिलाया जाता है, जिससे इस्तेमाल के बाद आॅक्सीजन के संपर्क में आकर यह बायोडिग्रेडेबल हो जाती है।
तीन प्रमुख व्यावसायिक सैनिटरी नैपकिन ब्रांड स्टेफ्री, केयरफ्री और व्हिस्पर अल्ट्रा की कीमत क्रमश: 5.83 रुपये, 7.25 रुपये और 8 रुपये प्रति पैड है। इस मौके पर मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ औषधि विभाग के सचिव जे.पी. प्रकाश मौजूद थे।
प्रस्तुति : देब दुलाल पहाड़ी