नई दिल्ली। दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा विवाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फिनलैंड दौरा बीच में छोड़कर वापस आने के जंग के आदेश देने से पैदा हुआ है। इस पर नाराजगी जताते हुए दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने उपराज्यपाल को खुला पत्र लिखकर कहा है कि उपमुख्यमंत्री को उतनी दूर फैक्स भेजकर वापस बुलाने की जगह बगल में मुझे या स्वास्थय मंत्री सत्येंद्र जैन को फोन कर बुला लेते और अपनी चिंता हमसे जताते तो बेहतर होता। इमरजेंसी का हवाला देकर उन्हें बुलाने की क्या जरूरत थी जबकि स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली में मौजूद हैं।
वहीं मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर वापस आने से इनकार करते हुए कहा है कि वे फिनलैंड छुट्टियां मनाने नहीं बल्कि वहां की शिक्षा व्यवस्था को समझने आए हैं। वैसे भी सिसोदिया 18 सितंबर यानी रविवार को दौरा खत्म कर लौटने वाले हैं। ऐसे में ठीक दो दिन पहले उपराज्यपाल के इस आदेश को दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी तानाशाही रवैया करार दे रही है। सिसोदिया के वापस लौटने पर यह विवाद और बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। हो सकता है नजीब जंग से दिल्ली सरकार की नई जंग शुरू हो जाए।
दरअसल, दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया ने भयावह रूप ले लिया है। इससे अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और इनसे पीड़ित हजारों लोग विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य मंत्री राज्य से बाहर हैं। केजरीवाल जहां बेंगलुरु में अपना इलाज करा रहे हैं वहीं सिसोदिया सरकारी दौरे पर हैं। जबकि कपिल मिश्रा और सत्येंद्र जैन को छोड़कर बाकी मंत्री अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। जैन भी तीन दिन पहले तक गोवा में थे। खुद नजीब जंग भी अमेरिका दौरे से शुक्रवार को ही लौटे हैं। ऐसे में विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस राज्य सरकार पर हमलावर हो गई है कि लोग यहां मर रहे हैं और पूरी सरकार गायब है। कांग्रेस ने इसी मुद्दे पर शुक्रवार को भगोड़ा दिवस भी मनाया।
वापस बुलाने के तरीके पर विवाद ?
इसे देखते हुए ही उपराज्यपाल ने उपमुख्यमंत्री को वापस बुलाने का आदेश दे दिया। सूत्रों के मुताबिक दरअसल, विवाद वापस बुलाने पर नहीं बल्कि उसके तरीके पर है।आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अगर उन्होंने दौरा रद्द नहीं किया तो उनके दौरे को अवैध करार दिया जा सकता है। आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती के बयान और कपिल मिश्रा के खुले खत में लिखे गए लफ्जों से भी इस बात की पुष्टि हो रही है कि जंग के वापस बुलाने के तरीके से ही विवाद पैदा हुआ है जबकि नजीब जंग खुद भी इस मुश्किल समय में दौरा पूरा करने के बाद ही वापस लौटे।
सोमनाथ भारती का कहना है कि सिसोदिया के साथ उपराज्यपाल ऐसा बर्ताव कर रहे हैं जैसे स्वास्थ्य सचिव की तरह वो कोई नौकरशाह हों जिनकी छुट्टी को पहले तो उन्होंने मंजूर कर लिया और उसके बाद उसे रद्द कर दिया। वहीं कपिल मिश्रा ने अपने खत में लिखा है कि उपराज्यपाल ने अपनी छुट्टी में एक घंटे की भी कमी नहीं की। शनिवार को मिश्रा और सत्येंद्र जैन उपराज्यपाल से मिलने राजनिवास पहुंचे तो गेट बंद था। काफी देर तक दोनों मंत्री बंगले के बाहर खड़े रहे। उन्हें फोन करने के बाद ही गेट खुला। दोनों मंत्री अंदर गए तो मालूम चला कि शनिवार होने के चलते एलजी छुट्टी पर हैं।
आप भी अस्पतालों का दौरा करते तो बेहतर होता
मिश्रा ने उपराज्यपाल को लिखे अपने पत्र में कहा है, “हम लगातार दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने की कोशिश में लगे हैं, अगर आप भी हमारे साथ चलते और फॉगिंग, अस्पतालों का दौरा करते, जनजागरण करते तो अच्छा लगता।” वहीं सत्येंद्र जैन ने कहा, ”मैं दिल्ली का हेल्थ मिनिस्टर हूं, एलजी को मुझसे बात करनी चाहिए। रोज हॉस्पिटल्स में जाता हूं, वे मेरे साथ क्यों नहीं चलते हैं।” दोनों मंत्रियों ने कहा कि दिल्ली के इस हालात में हम छुट्टियां भूल कर अस्पतालों का दौरा कर रहे हैं लेकिन एलजी साहब ने अपनी छुट्टी एक दिन भी कम नहीं की। कपिल मिश्रा ने कहा कि अब दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिक शनिवार और रविवार को भी खुलेंगे तो एलजी से भी गुजारिश है कि वो भी अपना दफ्तर शनिवार और रविवार को भी खोलें और काम करें।
वहीं, सिसोदिया ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट किया कि वो फिनलैंड छुट्टियां मनाने नहीं बल्कि विश्व में बेहतरीन शिक्षा देने वाले देश में हैं। वे यहां से दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को कैसे बेहतर बनाया जाए, इसकी जानकारी लेने आए हैं। उन्होंने कहा कि एजुकेशनल टूर कोई पाप नहीं है। दुनिया से कुछ नया सीखना पाप नहीं है, बल्कि एजुकेशनल टूर को छुट्टियां बताना पाप है। यहां का एजुकेशन सिस्टम सबसे अच्छा है। हमें इससे बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।