डैमेज कंट्रोल के लिए उत्तराखंड कांग्रेस ने शुरू की बागियों की सफाई

दिल्ली / देहरादून ( सुनील वर्मा )। उत्तराखंड में सरकार के संकट पर डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस ने कड़ा रुख अपना लिया है। कांग्रेस ने आज बागी विधायक विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ और साकेत को पार्टी ने 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। साकेत को पार्टी में बगावत का माना जा रहा है । इससे पहले कांग्रेस ने 9 जिले की कमेटियों को भी भंग कर दिया। इतना ही नहीं पार्टी की राज्य इकाई के महासचिव अनिल गुप्ता को भी 6 साल के लिए पार्टी से निकाला गया है । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यप्रवक्ता मथुरादत्त जोशी ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने अवगत कराया कि उक्त दोनों पदाधिकारियों द्वारा विधानसभा में कांग्रेस के बागी विधायकों के साथ मिलकर पार्टी विरोधी आचरण किया है।
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने अपने बागी विधायकों को शुरूआती दौर में ही राजी कर लिया था जिसके तहत विजय बहुगुणा को राज्यसभा भेजने और विधानसभा में मनपसंद की सीट देने का फार्मूला तय हुआ था। विधायक इस डील से संतुष्ट थे लेकिन विजय बहुगुणा के बेटे ने बागी विधायकों के साथ एक बार फिर बैठक की, जिसके बाद विधायकों ने इस डील को मानने से इनकार कर दिया था ।
harak-singh-bahugunaइतना ही नहीं बगावत का झंडा बुलंद करने वाले हरक सिंह रावत और विजय बहुगुणा के सिपहसालारों को मलाई दार पदों से बर्खास्त करने का दौर भी शुरू हो चुका है । देहरादून मंडी समिति अध्यक्ष रवीन्द्र सिंह, हरिद्वार मंडी समिति अध्यक्ष संजय चोपड़ा, ऋषिकेश मंडी समिति अध्यक्ष राकेश अग्रवाल, लक्सर मंडी समिति अध्यक्ष भीम सिंह, जसपुर मंडी समिति अध्यक्ष हीरा सिंह और सितारगंज मंडी समिति के अध्यक्ष अमरजीत को हटाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है।
यही नहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने देहरादून के रायपुर ब्लॉक, जनपद हरिद्वार के रुड़की एवं खानपुर की ब्लॉक एवं नगर, जनपद उधमसिंहनगर के सितारगंज, जनपद रूद्रप्रयाग के समस्त ब्लॉक एवं नगर जनपद नैनीताल के रामनगर, जनपद उधमसिंहनगर की जसपुर ब्लॉक व टिहरी गढ़वाल की नरेन्द्रनगर ब्लॉक व नगर कांग्रेस कमेटी के साथ ही इन सभी ब्लॉकों की बूथ कांग्रेस कमेटी, बाजार कांग्रेस कमेटी एवं ग्राम कांग्रेस कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। सीएम हरीश रावत पहले ही बागी मंत्री हरक सिंह रावत व बागी विधायक के महाधिवक्ता भाई को बाहर का रास्ता दिखा चुके हैं।
ये सभी लोग सदन में बगावत करने वाले 9 बागियों के क्षेत्र के कांग्रेसी दिग्गज है। हरीश रावत एक तरफ जहां सरकारी पदों पर पदस्थापित बागियों के नजदीकियों की बर्खास्तगी में लगे हैं वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष संगठन में मौजूद उनके करीबियों को बाहर का रास्ता दिखा रहे ।
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुद उत्तराखंड के राजनीतिक हालात पर नजर रख रहे है । इस बीच हरीश रावत ने राहुल गांधी से फोन पर बात की और भरोसा दिलाया कि सदन में वो बहुमत साबित कर लेंगे। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने उन्हें बागियों पर कार्रवाई के लिए फ्री हैंड दिया है ।
इससे पहले पार्टी की तरफ से उठाए गए कदम के तहत बागी विधायकों के निलंबन को नोटिस जारी किया गया और विधान सभा में हरक सिंह रावत के दफ्तर को सील कर दिया गया था । इधर दिल्ली में बीजेपी आज शाम कांग्रेस के बागी विधायकों के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करने जा रही है।
कांग्रेस अपने कुनबे को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें ऐसी जगह पर ले गयी है, जहां बाकी विधायक बागी विधायकों के संपर्क में ना आयें। भाजपा भी उन विधायकों को सुरक्षित रखना चाहती है जो उनके साथ आये हैं। इन सबके बीच 28 मार्च को मुख्यमंत्री हरीश रावत को बहुमत साबित करना है।
हालांकि भाजपा का आरोप है कि रावत को 22 मार्च को ही बहुमत साबित करना चाहिए, ज्यादा लंबा समय मिलने पर विधायकों के खरीद-फरोख्त का वक्त मिल जाता है। उधर, राज्यपाल ने केंद्र को आज राज्य के राजनीतिक हालात की रिपोर्ट भेजी है। इसमें उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही की सीडी भी भेजी है।

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