विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आज दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को आयोग की नियुक्तियों में कथित धांधली के मामले में जमानत दे दी। शिकायत कर्ता से लेकर जाँच एजेंसी तक उनके खिलाफ कोर्ट में कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सकी जिसके चलते कोर्ट ने मालीवाल को बीस हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी। इस मामले के बाद एसीबी की कार्रवाई सवालों के कठघरे में आ गई है ।
जमानत मिलने के बाद स्वाति मालीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं। मैंने कोई गलत काम नहीं किया। मेरा काम मेरी पूजा है इबादत है। न्यायालय पर पूरा भरोसा है। सत्यमेव जयते।
अब मामले की अगली सुनवाई के लिए छह अप्रैल को होगी। गौरतलब है कि दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह शुक्ला की शिकायत पर एसीबी ने मामला दर्ज किया था। शुक्ला का आरोप था कि दिल्ली महिला आयोग की भर्तियों में धांधली की गई। एसीबी की ओर से दायर आरोप-पत्र पर संज्ञान लेते हुए तीस हजारी कोर्ट ने 18 जनवरी को आम आदमी पार्टी आप की नेता और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को आयोग में भर्ती में कथित अनियमितताओं के एक मामले में आरोपी के तौर पर पेश होने के लिए सम्मन भेजा था । अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा एसीबी को निर्देश दिया कि वह मामले की और जांच करे और इस अपराध में कथित तौर पर शामिल मालीवाल के सहयोगियों की पहचान करे । एसीबी तब से इस मामले की जांच कर रही थी।
विशेष न्यायाधीश हिमानी मल्होत्रा ने कहा था कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत मालीवाल के खिलाफ अपराध का संग्यान लेने के लिए पर्याप्त सामग्री और सबूत हैं । अदालत ने कहा है कि जांच में मालीवाल के उन सहयोगियों की पहचान नहीं की गई है जिनकी मिलीभगत से अवैध तरीके अपनाए गए।
आयोग की ही पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत में हालाँकि बतौर साजिश रचने वालों के रूप में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी नाम लिखा था लेकिन एसीबी कोई सबूत नहीं जुटा सकी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि स्वाति मालीवाल ने महिला आयोग में जरूरत से ज्यादा 85 लोग भर्ती किए. भर्ती करने में नियमों का पालन नहीं किया गया। भर्ती हुए लोगों में 90 फीसदी ‘आप’ के कार्यकर्ता हैं। शिकायत के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने डीसीडब्लू में जाकर दस्तावेजों की छानबीन की थी और आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल से घंटों पूछताछ भी की थी।