रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पहली बार लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई से उड़ान भरी। इसके साथ ही वे देश की पहली महिला रक्षा मंत्री बन गईं जिन्होंने इस फायटर जेट में उड़ान भरी। उन्होंने राजस्थान के जोधपुर एयरबेस से यह उड़ान भरी।
उड़ान पूरी करने के बाद उन्होंने कहा कि यह एक यादगार, गर्व से भरा और आंखें खोलने वाला अनुभव है। मैं शुक्रगुजार हूं कि मुझे इस उड़ान का मौका मिला। इसमें मुझे यह पता चला कि वास्तव में हमारे जाबांजों को कितनी प्रैक्टिस, अलर्टनेस और तेजी की जरूरत होती है ताकि वो किसी भी स्थिति से निपट सकें। सीतारमण ने वायुसैनिकों के लिए निर्धारित जी-सूट पहन और लगभग 30 मिनट तक आसमान में रहीं।
सुखोई-30 एमकेआई दो इंजन वाला फाइटर एयरक्राफ्ट है। इसकी कॉकपिट में दो लोगों के बैठने की व्यवस्था है। निर्मला सीतारमण ने पायलट वाली सूट पहनकर, पायलट के पीछे वाली सीट पर बैठकर यह उड़ान भरी। इससे पहले उन्होंने सुरक्षा तैयारियों का जायजा भी लिया। बता दें कि सीतरमण लगातार सीमा पर सैनिकों के बीच जाकर उनका हौंसला बढ़ाती रहती हैं। इससे पहले वे पोकरण में टैंक की सवारी भी कर चुकी हैं।
कुछ दिनों पहले ही उन्होंने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य का दौरा और बाड़मेर में उत्तरलाई एयर बेस का दौरा किया था। रक्षा मंत्री बनने के बाद सबसे पहले सीतारमण ने जामनगर में भारतीय नौसेना बेस की यात्रा की थी। उन्होंने आईएनएस विक्रमादित्य पर मिग-29के की सवारी भी की थी।
बता दें कि सीतारमण से पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्णांडिस, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू भी सुखोई की उड़ान भर चुके हैं। एपीजे अब्दुल कलाम ने करीब तीस मिनट तक उड़ान भरी थी। उन्होंने सबसे बुजुर्ग भारतीय के तौर पर फाइटर प्लेन सुखोई-30 में उड़ान भरने का रिकॉर्ड बनाया था। भारत रत्न और क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और महेंद्र धोनी भी सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भर चुके हैं।