सुब्रमण्यम स्वामी को लगा करारा झटका, सोनिया व राहुल को राहत  

नई दिल्ली। दिल्‍ली हाईकोर्ट के एक फैसले से भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को करारा झटका लगा है तो सोनिया व राहुल के लिए राहत वाली खबर है। दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया है, जिससे नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है।

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई के दौरान उनकी उस मांग को स्वीकार कर लिया गया था जिसमें कांग्रेस और एसोसिएटेड जर्नल प्रां लिं. की वित्तीय जानकारी से जुड़े कागजात समन करने की मांग की गई थी। पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कांग्रेस और एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (AJL) की इनकम टैक्स बैलेंस सीट और मंत्रालयों के कागजात सौंपने का आदेश दिया था।

12 जुलाई को मामले की सनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सीआरपीसी के सेक्शन 91 के तहत कोई भी आदेश करने से पहले आरोपी पार्टी को सुना जाना जरूरी है, जो इस मामले में नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा कि स्वामी ने गंभीर तरीके से आवेदन नहीं किया और ट्रायल कोर्ट ने उसी तरीके से उस पर आदेश दे दिए।

कोर्ट ने कहा कि स्वामी न तो गवाहों की लिस्ट के साथ इन कागजात को जोड़ पाए और न ही यह बता पाए कि ट्रायल में इन कागजात की क्या अहमयित है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी इस आदेश के खिलाफ अपील कर सकते हैं।

क्या है मामला

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में दाखिल अर्जी में आरोप लगाया था कि सोनिया और राहुल ने कांग्रेस पार्टी से लोन देने के नाम पर नेशनल हेराल्ड की 2000 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली। पहले नेशनल हेराल्ड की कंपनी एसोसिएट जनरल लिमिटेड (AJL) को कांग्रेस ने 26 फरवरी, 2011 को 90 करोड़ का लोन दे दिया। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी की हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास है। इसके बाद 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर यंग इंडियन को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को एजेएल के 99 फीसदी शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया। यानी यंग इंडियन को मुफ्त में स्वामित्व मिल गया। स्वामी ने इस 90 करोड़ रुपये के प्रकरण में हवाला कारोबार का शक जताया है।

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