दिल्ली का बाबू : सीएम बनाम बाबू

चुनाव के दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और राज्य के मुख्य सचिव एलवी सुब्रह्मण्यम के बीच अधिकारों को लेकर चली लड़ाई खासी चर्चा का विषय बनी. सूत्रों के मुताबिक, विवाद का मुख्य बिंदु यह था कि चुनाव परिणाम आने तक नियमित प्रशासन को नियंत्रित करने के लिए कौन जिम्मेदार होगा. नायडू एवं उनके मंत्रियों का तर्क था कि उनकी सरकार हर मामले पर निर्णय लेने के लिए पूरी तरह सक्षम है, जबकि मुख्य सचिव सीएम द्वारा आयोजित समीक्षा बैठकों को लेकर आपत्ति कर रहे थे. इस विवाद ने आईएएस और आईपीएस लॉबी को दो खेमों में विभाजित कर दिया, जिससे प्रशासनिक गतिविधियों में अनिश्चितता की स्थिति बन गई. सूत्रों का कहना है कि चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त 1983 बैच के आईएएस अधिकारी सुब्रह्मण्यम राज्य में शासन के हर क्षेत्र की निगरानी करने लगे, जो सीएम नायडू को नागवार गुजरा, क्योंकि वह विभागों की समीक्षा और अधिकारियों को आदेश जारी करके अपनी नियमित प्रशासनिक गतिविधियां जारी रखना चाहते थे. बताते हैं कि सुब्रह्मण्यम समर्थक बाबुओं ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के बीच टकराव से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा के लिए आंध्र प्रदेश आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन की बैठक भी बुलाई, जो नायडू और सीएम ऑफिस के दबाव के चलते निरस्त हो गई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *