भारत की कर्क राशि है। 11 अक्टूबर 2018 को वृश्चिक राशि में गया गुरु भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत करना शुरू करेगा। इससे पूर्व तुला राशि में गुरु के रहने तक तो बहुत अच्छी आर्थिक स्थिति नहीं रहेगी। सालभर राहु कर्क और केतु मकर राशि में रहेगा जिससे भारत की वित्तीय व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगते रहेंगे। हां, शनि की धनु राशि में मौजूदगी जरूर राहत प्रदान करती रहेगी। लेकिन 18 अप्रैल से 7 सितंबर तक शनि जब धनु राशि में वक्री गति से चलेंगे तब कई तरह के वित्तीय संकट पैदा हो सकते हैं। इस दौरान शनि से प्रभावित साढ़ेसाती वाली राशियों-वृश्चिक,धनु और मकर तथा ढैय्या वाली राशियों वृष और कन्या को सावधानी से व्यापार, नौकरी संबंधी निर्णय लेने चाहिए।
गुरु के प्रबल शत्रु शुक्र की मूल त्रिकोण तुला राशि में रहने तक जहां मेष, मिथुन, कन्या, धनु और कुंभ राशिवाले जातकों को लाभ होगा वहीं गुरु के मित्र मंगल की राशि वृश्चिक में जाने से वृष, कर्क, तुला, मकर और मीन राशि वालों की पौ बारह होगी। राहु के कारण वृष, कन्या, तुला और कुंभ राशिवालों को साल भर लाभ मिलता रहेगा तो वहीं केतु के कारण मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशिवालों को राहत मिलती रहेगी।
मेष- बेरोजगारों को तुला राशि का गुरु और केतु बलवान होने के कारण रोजगार दिलाते रहेंगे। लोन और अनुबंध आसानी से मिल सकते हैं। कृषि, नौकरी, व्यवसाय की दिशा में किए गए प्रयास सफलता प्रदान करेंगे। आय में बढ़ोतरी की प्रबल संभावना है। अक्टूबर में वृश्चिक राशि में गया गुरु परेशानी खड़ी कर सकता है।
सूर्य के गोचर में बलवान होने से मध्य जनवरी से मध्य मार्च, मध्य जून से मध्य जुलाई और मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर के बीच लाभ होगा। व्यापारी और नौकरीपेशा इन्हीं महीनों में सुखद सूचना प्राप्त करेंगे। हां, शनि जब धनु राशि में वक्री होगा तब निर्णय सोच समझ कर लें। व्यय की अधिकता बनी रहेगी। निवेश करने में बाधा आ सकती है। कर्मचरियों में चल रहा सहयोग मनमुटाव में बदल सकता है। अगर जन्म लग्न मेष हो तो गणेश जी के साथ सूर्य पूजा से बहुत लाभ होगा। सूर्य-सप्तमी व्रत रखने से लाभ हो सकता है। चंद्रमा जब आपके लिए अशुभ वृश्चिक राशि में हो तो नया कार्य शुरू न करें।
वृष-
चल रही शनि की ढैय्या सालभर धन संबंधी परीक्षा लेती रहेगी। शनि जन्मकुंडली में अगर मेष राशि का न हुआ तो निश्चित ही धन संबंधी संकट का समाधान होता रहेगा। कार्यक्षेत्र में जिम्मेदारी बढ़ सकती है। व्यापारी और नौकरीपेशा अक्टूबर में गुरु के वृश्चिक में जाने के बाद लाभ की स्थिति महसूस करेंगे। गुरु सितंबर तक जरूर झटके देता रहेगा। शनि धनु राशि में जब वक्री होगा तब निर्णय सोच समझ कर लें। हां, कर्क राशि में चल रहा अनुकूल राहु जरूर लोन, अनुबंध आदि दिलाता रहेगा साल भर। साल की शुरुआत में कर्मचरियों से तनाव हो सकता है। सूर्य के बली होने से मध्य फरवरी से मध्य अप्रैल, मध्य जुलाई से मध्य अगस्त और मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक आपके व्यापार, आजीविका में अच्छी प्रगति होगी। इन दिनों सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी। शनि के अष्टम भाव में प्रतिकूल होने से धन संबंधी निर्णय अच्छा फल नहीं दे सकेंगे। साझेदारों में मनमुटाव हो सकता है।
अगर जन्म लग्न वृष है तो गणेश जी के साथ नारायण पूजा और एकादशी व्रत रखने से धन का सुख प्राप्त होता रहेगा। चंद्रमा जब आपके लिए अशुभ धनु राशि में हो तो कोई नया कार्य शुरू न करें।
मिथुन-
पूरे साल शनि धनु राशि में वक्री और मार्गी होकर धन संबंधी निर्णय प्रभावित करेगा। अक्टूबर में वृश्चिक राशि में गया गुरु आपके लिए परेशानी ला सकता है। इससे पूर्व गुरु आपकी मदद करता रहेगा। कर्क राशि में विराजमान राहु और मकर राशि में विराजमान केतु जरूर आर्थिक स्थिति को लेकर प्रश्न खड़ा करते रहेंगे। व्यय बढ़ने से तनाव हो सकता है। सोच-समझकर कार्य करने से ही लाभ होगा।
सूर्य के बलवान होने से मध्य मार्च से मध्य मई, मध्य अगस्त से मध्य सितंबर और मध्य नवंबर से मध्य दिसंबर तक सरकारी कार्यों, कृषि और व्यापार में सफलता मिलेगी। अधीनस्थ कर्मचरियों की लापरवाही से तनाव हो सकता है। अनुबंध, टेण्डर आदि भरने में सफलता मिल सकती है। ध्यान रहे, गोपनीयता जरूरी है। बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा पर संतुष्टि नहीं। अगर आप लोन के इच्छुक हैं तो सितंबर तक सफलता मिल सकती है। उसके बाद कठिनाई हो सकती है। शेयर, सट्टे, लाटरी में लाभ हो सकता है।
अगर जन्म लग्न मिथुन हो तो गणेश जी के साथ देवी-अर्थात लक्ष्मी, दुर्गा, सरस्वती, शीतला माता की पूजा करने से लाभ होगा। चंद्रमा हर महीने जब आपके लिए अशुभ मकर राशि में हो तो नया कार्य शुरू न करें।
कर्क-
सितंबर तक तुला राशि में गुरु के रहने से धन संबंधी कार्यों में कम ही सफलता मिलेगी। लेकिन जब वृश्चिक राशि में गुरु प्रवेश करेगा तो धन संबंधी कार्यों में आ रही रुकावट समाप्त होगी। साल भर राहु के कर्क और केतु के मकर राशि में रहने से आर्थिक निर्णय सावधानी से लें। हां, सालभर बली शनि के धनु राशि में रहने से अनुबंध आदि मिल सकते हैं। लेकिन शनि जब धनु राशि में वक्री होगा तब सावधान रहें। साल की शुरुआत में मध्य जनवरी तक, मध्य अप्रैल से मध्य जून, मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर और मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी 2019 तक आपके व्यापार और कार्यक्षेत्र सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं। इन महीनों में अधिकारियों और सरकार का साथ मिलेगा। शेयर, सट्टा, लाटरी में सावधान रहें, जोखिम न उठाएं। बेरोजगारों को साक्षात्कार में सफलता मिलेगी। उद्योगपति नया व्यापार अक्टूबर से शुरू कर सकते हैं। कर्मचारी अपनी मांग पूरी होते देखेंगे। पदोन्नति और अच्छा तबादला हो सकता है। अगर आपकी कर्क लग्न है तो आप गणेश जी के साथ मंगल ग्रह के स्वामी देवसेनापति कार्तिकेय की पूजा करें जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ा रहे और आय में बढ़ोतरी हो। चतुर्थी व्रत रखने से लाभ होगा। चंद्रमा जब आपके लिए अशुभ कुंभ राशि में हो तो कोई नया कार्य शुरू न करें।
सिंह-
राहु, शनि और गुरु के अनुकूल न रहने से आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी न होने की आशंका है। नौकरी और व्यापार में परिवर्तन सोच समझ कर करें। देवकृपा से अचानक कोई कार्य योजना सफल हो सकती है जिसके कारण आय में वृद्धि हो सकती है। सूर्य के बली होने से मध्य जनवरी से मध्य फरवरी, मध्य मई से मध्य जुलाई, मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर समय आपके अनुकूल रहेगा। इन्हीं महीनों में बेरोजगारों को नवीन अनुबंध प्राप्त होंगे। लेकिन आपको उनकी शर्तों के अनुसार काम करना होगा। अधिकारियों और कर्मचारियों से विवाद हो सकता है। नए व्यापार और कृषि क्षेत्र में सावधान रहें। अनुबंध और लोन आदि प्राप्त करने में बाधाएं आ सकती हैं। मुनाफा कमाने के चक्कर में अपनी जमापूंजी दांव पर न लगाएं।
अगर जन्म लग्न सिंह है तो गणेश जी और सूर्य की पूजा से सकारात्मक बुद्धि मिलेगी और रुके हुए कार्य बनना शुरू होंगे। सूर्य-सप्तमी व्रत रखने से लाभ होगा। रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें। चंद्रमा जब आपके लिए अशुभ मीन राशि में हो तो कोई कार्य शुरू न करें, हानि हो सकती है।
कन्या-
शनि की ढैय्या सालभर लगी रहेगी। शनि धनु राशि में वक्री और मार्गी होकर आपके धन संबंधी निर्णय प्रभावित करेगा। लेकिन सालभर राहु और 11 अक्टूबर तक तुला राशि में विराजमान गुरु धन संबंधी कमी पूरी करता रहेगा। नौकरी में जिम्मेदारी बढ़ने के साथ-साथ पदोन्नति हो सकती है। तबादला हो सकता है। जन्मकुंडली में शनि अगर मेश राषि का है तो जरूर परेशानी हो सकती है। वृश्चिक में गया गुरु संकट पैदा करेगा। आर्थिक निर्णय सावधानी से लें। सृजनात्मक कार्य से जुड़े लोग और आयात-निर्यात के कार्य में जुटे लोग धन कमा सकते हैं।
सूर्य के गोचर में बलवान होने से मध्य फरवरी से मध्य मार्च, मध्य जून से मध्य अगस्त, मध्य नवंबर से मध्य दिसंबर तक नौकरीपेशा और व्यापारियों को अच्छा लाभ होगा। आधिकारियों और कर्मचारियों में अच्छे संबंध हो सकते हैं। व्यापारियों को अच्छा लाभ होगा। योजना को लागू करने में जल्दबाजी से बचें। लोन मिल सकता है।
अगर जन्म लग्न कन्या है तो गणेश जी के साथ देवी-लक्ष्मी, दुर्गा की पूजा करें, कई तरह से लाभ होगा। चतुर्थी या एकादशी व्रत रखने से लाभ होगा। जब चंद्रमा आपके लिए अशुभ मेष राशि में हो तो किसी भी नए कार्य को शुरू न करें।