प्रवर्तन निदेशालय ने शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लिया। दरअसल ईडी यह जानना चाहता है कि किंगफिशर एयरलाइंस के लिए बैंकों से कर्ज के रूप में ली गई मोटी रकम का माल्या ने क्या किया। माल्या को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है और गिरफ्तार भी किया जा सकता है। एसबीआई ने माल्या को डियाजिओ कंपनी से मिलने वाले 75 मिलियन डॉलर यानि करीब 500 करोड़ की रकम को उधार देने वाले बैंकों को देने की अपील की है। बंगलुरु कोर्ट ने मामले की सुनवाई तक माल्या के पैसे निकालने पर रोक लगा दी है। डीआरटी ने 4 मार्च को इस मामले में दोनों पक्षों की याचिकाएं सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बैंकों ने माल्या की गिरफ्तारी और पासपोर्ट जब्त करने की मांग की है। बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारी भी अपने बकाया वेतन भत्तों की मांग को लेकर माल्या के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। एसबीआई समेत 17 अन्य बैंक माल्या से किंगफिशर एयरलाइन को दिए गए करीब 7000 करोड़ रुपये के बकाए कर्ज की रिकवरी की मांग कर रहे हैं।
माल्या के साथ साथ किंगफिशर एयरलाइंस के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर ए रघुनाथन, आईडीबीआई बैंक के पूर्व सीएमडी योगेश अग्रवाल, आईडीबीआई बैंक के सदस्य बीके बत्रा और इसी बैंक के दो-तीन और अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।