कनाडा के जंगलों की आग की लपटों में शहर

कनाडा के जंगलो में लगी आग में लोगों की जान का जाना अब तक का सबसे बड़ा नुकसान माना जा रहा है, हालही में मैकमरे शहर को आग की इन लपटों ने अपनी चपेट में ले लिया। नेशनल फायर डाटा बेस की माने तो आल्बर्टा में करीब बारह सौ जंगल हर साल आग की भेंट चढ़ते  हैं। और  करीब 47 प्रतिशत जंगल बिजली की चपेट में आते हैं।

हलांकि कनाडा सरकार आग लगने के मामले पर गंभीर तौर से विचार कर रही है। इस आग ने 80000 लोगों के बसे शहर मैकमरे को खाक कर दिया। जानकारों का मनना है कि पश्चिमी कनाडा में जंगल की आग के लिए मौसम की स्थिति एकदम सही है, गर्मी के साथ साथ गर्म हवाएं, सूखी पत्तियां और सूखी लकड़ी आग में घी काम कर रही है। ये ऐसा मौसम है जिसमें आग आसानी से लगती और फैलती है ।

जानकारों का कहना है कि ” कनाडा में आग कि यह वास्तव में चरम स्थिति है,” कम नमी और हवा की स्थिति के साथ संयुक्त हरी वनस्पति की कमी भी उत्तरी अलबर्टा शहर में बढ़ती आग में सहयोग कर रही है।

बर्फ पिघलने के बाद बसंत के महीने में आग का लगना एक आम बात है जऔर ऐसा तब तक होता है जब तक कि जंगल हरे भरे नहीं हो जाते। इस मौसम के दो तीन हफ्ते ऐसे होते हैं जिनमें गर्म हवाएं चलती हैं और ये मौसम आग के लिए बहुत अनुकूल होता। इस समय आग का सबसे बड़ा केन्द्र बिन्दु गर्म हवाएं हैं। मंगलवार यानी उस दिन जिस दिन शहर में आग ने तबाही मचाई और लोगों ने इस शहर को खाली किया, ये हवाएं उस दिन 40 किलोमीटर के हिसाब से चल रहीं थीं।

“हवाओं का स्थानांतरण आग से लड़ने के लिए एक चुनौतीपूर्ण समस्या है। ऐसे में लोगों को सुरक्षित करना और ऐसे फायरमैन जो लोंगो को सुरक्षित करने में लगे हैं  उनकी जान भी खतरे में रहती है। 2011 में फायर फाईटिंग हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसका पायलट मर गया था, इसी तरह पिछले साल एक अन्य दुर्घटना में आग से लड़ते हुए पायलट की मृत्यु हो गई थी। ऐसे में वैज्ञानिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं। हालांकि जंगल की आग एक प्राकृतिक घटना है  ये आग मिट्टी के लिए फायदेमंद भी होती है और मिट्टी को कीमती पोषक तत्वों को लौटने में सहायक भी, यही नहीं प्राकृतिक तौर पर पेड़ पौधों के पुनर्जन्म में मदद भी करती है। आग स्वाभाविक रूप से जंगलों में हर 150 से 250 साल में पाई जाती है। लेकिन चिंता की बात ये है कि आग लगने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिसकी वजह से जंगल उसका सामना करने में सक्षम नहीं हैं। और ऐसा भी हो सकताहै कि आग से खत्म हुए ये जंगल सही तरह से पुनर्जीवित होने में सक्षम भी ना हो सके । प्राकृतिक संसाधन कनाडा के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जंगल की आग 50 से 100 वर्षों में दोगुनी हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *