नई दिल्ली।
चुनाव आयोग ने ईवीएम पर उठे विवाद को पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी कर ली है। इसलिए शनिवार को ईवीएम के डेमो पर नजर रहेगी। इस सिलसिले में चुनाव आयोग एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने वाला है जिसमें वह ईवीएम और वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल कर दिखाएगा कि वोटिंग की प्रक्रिया पूरी तरह सेफ है और इसमें किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
इसके अलावा वह ‘ईवीएम चैलेंज’ की तारीख भी घोषित कर सकता है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा में ईवीएम हैकिंग का डेमो दिखाया था जिसके बाद पूरे देश में इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई थी। हालिया विधानसभा चुनावों के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की प्रामाणिकता पर उठे सवालों के बीच चुनाव आयोग शनिवार को इस संबंध में डेमो देने जा रहा है।
डेमो के जरिये चुनाव आयोग इस बात को साबित करेगा कि इस मशीन के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। यह डेमो करीब दो घंटे का होगा और इसके अलावा दिल्ली के विज्ञान भवन में चुनाव आयोग की एक प्रेस कांफ्रेंस भी आयोजित होगी।
इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव आयोग डेमो देने के साथ ही ‘ईवीएम हैकाथॉन’ के लिए तारीख की घोषणा भी कर सकता है, जिसके तहत यह उन लोगों को मशीन में गड़बड़ी साबित करने के लिए चुनौती देगा जिन्होंने हालिया चुनावों में बीजेपी के पक्ष में ईवीएम के इस्तेमाल की बात कही थी।
बता दें कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) इस मामले में सबसे मुखर रही है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि हालिया विधानसभा और एमसीडी चुनावों में ईवीएम के जरिये धांधली हुई और मतदाता ने चाहे जिस पार्टी को वोट दिया हो लेकिन वोट बीजेपी के पक्ष में ही गया है।
आम आदमी पार्टी, बीएसपी और कांग्रेस लगातार आरोप लगा रहे हैं कि विधानसभा चुनावों और एमसीडी चुनावों में ईवीएम में छेड़छाड़ कर बीजेपी ने जीत हासिल की है। राजनीतिक दलों का आरोप है कि हैक की गई ईवीएम मशीनों में चाहे किसी भी पार्टी को वोट दिया जाए वो जाता बीजेपी के खाते में ही है।
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि 2019 का लोक सभा चुनाव अत्याधुनिक ईवीएम मशीनों से होगा जिनमें वीवीपैट की सुविधा होगी। वीवीपैट ईवीएम में वोट देने के साथ ही एक कागज की पर्ची निकलती है जिस पर वोटर देख सकता है कि उसका वोट किस पार्टी को गया।
वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची कुछ देर बाद उसके साथ लगे डिब्बे में गिर जाती है। हालिया पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में कुछ मतदान केन्द्रों पर वीवीपैट ईवीएम मशीन का इस्तेमाल हुआ था। चुनाव आयोग के मुताबिक 2019 तक सारी ईवीएम मशीनें वीवीपैट से लैस होंगी।