विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । क्या जाली नोटों पर लगाम लगाने के लिए की गई नोटबंदी का मकसद नाकाम हो गया है । क्या पाकिस्तान ने भारत की नई करेंसी की नक़ल छापना शुरू कर दिया है । क्या आने वाले महीनों में जाली करेंसी फिर से भारतीय सुरक्षा व ख़ुफ़िया एजेंसियों के सिर का दर्द बन सकती है । क्या भारतीय अर्थव्यस्था के लिए फिर से जाली करेंसी खतरा बनती जा रही है ।
ये सवाल इसलिए उठना शुरू हुए क्योंकि पिछले कुछ अरसे में सीमा पर दो हज़ार रुपये के नकली नोटों की कई खेप पकड़ी जा चुकी है । इसके कारण अर्धसैनिक बलों और खुफिया एजेंसियों की नींदें उड़ी हुई हैं। इन नोटों के सुरक्षा फीचर्स को देखकर भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों हैरान हैं। बताया जाता है कि भारत-बांग्लादेश सीमा से सीमा सुरक्षा बल ने 2 हजार के नकली नोटों की कई खेप बरामद कर चुकी है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और सीमा सुरक्षा बल भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से अब तक कई लोगों को जाली नोटों के साथ पकड़ चुके हैं। ताजा मामला 8 फरवरी का है जब 8 फरवरी को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में अजीजुर रहमान नामक शख्स को 2,000 के 40 नकली नोटों के साथ पकड़ा गया था। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि जॉली नोटों को आईएसआई की मदद से पाक में छापा गया है जिन्हें बांग्लादेश सीमा से भारत में लाया गया। हर 2,000 के नोटों के लिए तस्करों को 500-600 रुपए देने होते थे।
इसके बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अपने जवानों को नकली नोट की पहचान करने को लेकर ट्रेनिंग दिलवाने के लिए रिजर्व बैंक से बातचीत कर रहा है। हालाँकि इससे भारत – पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमा पर नकली नोटों की तस्करी पर लगाम लगा पाना कितना आसान होगाये देखना होगा ।
बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार इन नकली नोटों में नए 2,000 रुपये के नोटों में दिए गए आधे से ज्यादा सिक्यॉरिटी फीचर्स को कॉपी कर लिया गया है। इसलिए आरबीआई से जवानों और अधिकारियों को 2,000 रुपये के नोटों की पहचान के लिए ट्रेनिंग देने के लिए बात चल रही है। जिससे वे जल्द ही नोटों की पहचान करने में कामयाब होंगे।
बीएसएफ और एनआईए ने जो नकली नोट बरामद किए थे उन्हें भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के जरिए इन 2000 के नकली नोटों को भारत भेजा गया। माना जा रहा है कि यह नोट पाकिस्तान में छप रहे हैं और कई तरीकों से उन्हें तस्करी कर भारत में लाने की कोशिश की जा रही है।
जानकारी के अनुसार 2,000 रुपए के नकली नोट पाकिस्तान से भारत में बांग्लादेश के रास्ते आ रहे हैं। ये जानकारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी और बीएसएफ के हाल ही में कई लोगों को गिरफ्तारी और नकली नोट जब्त किए जाने पर मिली है। जांचकर्ताओं का कहना है कि इन नकली नोटों में 17 में से 11 सुरक्षा मानकों की हू-ब-हू नकल की गई है।
नोटबंदी के बाद 2,000 और 500 के नोट ये कहते हुए जारी किए गए थे कि इनके सिक्यूरिटी फीचर्स को कॉपी करना आसान नहीं होगा। इससे जॉली नोटों की तस्करी रोकने में भी मदद मिलेगी, हालांकि नए नोटों की ये खास विशेषताएं भी पाकिस्तान में बैठे नकली नोट तस्करों पर नकेल कसने में नाकामयाब होती नजर आ रही हैं। जांच से जुड़े अधिकारियों ने आशंका जाहिर की है जल्द ही ये नकली नोट भारतीय बाजार में पहुंच सकते हैं।
भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड के अधिकारियों की मानें तो नए नोटों के फीचर्स पुराने 1,000 और 500 के नोटों के समान ही हैं। इनमें कोई अतिरिक्त सुरक्षा फीचर्स नहीं डाले गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक नोटों के सुरक्षा फीचर में बदलाव करना बहुत बड़ा काम है। इसके लिए कई स्तर पर विचार-विमर्श करना पड़ता है। आखिरी बार भारतीय नोट के सुरक्षा विशेषताओं में 2005 में बदलाव किया गया था।
गौरतलब है की नवंबर 2016 को जब पेम मोदी ने नोटबंदी का फैसला लिया तो देश में अनुमानतः 73 अरब से ज्यादा के नकली नोट प्रचलन में बताये जाते थे। इन नकली नोटों में अधिकांश 1000 व 500 के नोटों के रूप में थे । इनमे करीब 80 फीसद नोट पाकिस्तान से छपकर पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल सीमा के रास्ते भारत पहुचाये जाते थे ।