नई दिल्ली।
रूस में खेले जा रहे फीफा वर्ल्ड कप में रविवार का दिन काफी रोमांचक रहा। पहले स्पेन और रूस के बीच मुकाबला पेनाल्टी शूटआउट तक पहुंचा। उसमें मेजबान टीम को कामयाबी मिली। उसके बाद देर रात खेले गए मैच में क्रोएशिया ने पेनाल्टी शूटआउट में डेनमार्क को परास्त कर अगले दौर में अपनी जगह पक्की कर ली।
मेजबान रूस ने फीफा वर्ल्ड कप 2018 में अपना स्वप्निल अभियान जारी रखते हुए रविवार को 2010 के चैंपियन स्पेन को पेनल्टी शूटआउट में 4-3 से हराकर 48 साल बाद क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया।
स्पेन इस टूर्नामेंट के प्रबल दावेदारों में से एक था, जिसके बाहर होने के बाद उसके दिग्गज मिडफील्डर आंद्रेस इनिएस्टा ने इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास ले लिया।
इनिएस्ता ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा, ‘यह सच है कि नेशनल टीम के साथ यह मेरा आखिरी मुकाबला था। यह दिन मेरे करियर का सबसे दुखद है।’
इस दिग्गज फुटबॉलर ने स्पेन के लिए 131 मैच खेले और 13 गोल किए, जिसमें 2010 वर्ल्ड कप के फाइनल में नीदरलैंड्स के खिलाफ किया गया गोल शामिल है।
डेनमार्क ने मैच में दमदार शुरुआत की और पहले मिनट में ही बढ़त बना ली। डेकमार्क के डिफेंडर जोनास नुडसेन ने दाईं छोर से बॉक्स में थ्रो दिया जिस पर गोल दागकर मैथियास जोग्रेनसन ने अपनी टीम को बढ़त दिला दी। डेनमार्क की यह खुशी ज्यादा देर नहीं टिकी।
चौथे मिनट में क्रोएशिया ने आक्रमण किया और स्टार स्ट्राइकर मारियो मांजुकिक ने बॉक्स के अंदर मिले क्रॉस पर शानदार गोल करते हुए अपनी टीम को बराबरी दिला दी।
क्रोएशिया को बराबरी का गोल दागने के बाद 11वें मिनट में डेनमार्क के बॉक्स के बाहर फ्री-किक मिली लेकिन इवान पेरीसिक गेंद को गोल में नहीं डाल पाए। पेरीसिक को 29वें मिनट में अपनी टीम को बढ़त दिलाने का एक और मौका मिला लेकिन वह चूक गए। इसके बाद दोनों टीमों के खिलाड़ी पुरजोर कोशिश करते रहे लेकिन कोई भी गोल नहीं कर पाया।
छड़ी के सहारे चलने वाला फ़ुटबॉल कोच
ये हैं 71 साल के उरुग्वे टीम के मैनेजर ऑस्कर वॉशिंगटन तबरेज़ सिल्वा जो अपनी टीम के बीच तीखी आलोचनाएं करने के लिए जाने जाते हैं। हालांकि टीम के खिलाड़ियों को उनकी साफ़गोई बहुत पसंद है।
कोच ऑस्कर तबरेज़ के बारे में उनके ख़ास दोस्त मज़ाक में कहते हैं, “ऑस्कर फ़ुटबॉल गेम में आने से पहले प्राइमरी स्कूल का मास्टर रहा है। इसलिए उसकी ‘मास्टरों वाली’ आदत है।”
60-70 के दशक में ऑस्कर तबरेज़ का एक सीनियर फ़ुटबॉल खिलाड़ी के रूप में 12 साल लंबा निर्विवाद करियर रहा है। उनका टीम मैनेज करने का अनुभव इससे काफ़ी ज़्यादा विस्तृत है। क़रीब 30 साल लंबे कोचिंग करियर में उन्होंने कोलंबिया, अर्जेंटीना, इटली और स्पेन के बड़े फ़ुटबॉल क्लबों को मैनेज किया है।