नई दिल्ली।
देश का वित्त वर्ष अप्रैल से मार्च ही माना जाता है, लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को संसद में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार देश का वित्त वर्ष अप्रैल-मार्च की जगह जनवरी-दिसंबर करने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा हुआ तो अगला आम बजट वर्ष 2018 के नवंबर में पेश किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से बनाई गई एक कमेटी की ओर से एक रिपोर्ट तैयार की गई है। कमेटी का चेयरमैन पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार शंकर आचार्य को बनाया गया है। रिपोर्ट सरकार को मिल गई है। हालांकि वित्त मंत्री ने इस विषय पर कुछ भी नहीं कहा कि बजट पेश करने के समय में भी कुछ बदलाव किया गया है या नहीं।
खबर है कि सरकार अगले साल से बजट पेश करने का समय भी बदल सकती है। फिलहाल जो बजट फरवरी में पेश होता है, अगले साल से मोदी सरकार नवंबर में पेश कर सकती है। इससे 150 साल पुरानी परंपरा टूटेगी। अप्रैल से मार्च तक वित्त वर्ष की व्यवस्था 1867 में बनाई गई थी। पीएम मोदी की तरफ से इस बदलाव को सही कहा गया है, जिसके बाद से अब सरकार भी वित्त वर्ष में बदलाव करने की तैयारी में लगी हुई है।
हो सकता है कि अगले साल से कैलेंडर वर्ष के अनुसार ही काम-काज हो। बजट को लेकर दूसरा ऐतिहासिक फैसला इस बार सरकार ने बजट को एक महीने पहले ही यानी 1 फरवरी को पेश कर दिया था। यह सरकार का बजट को लेकर पहला ऐतिहासिक बदलाव था। अगर बजट को नवंबर में पेश किया जाना तय हो जाता है तो यह बजट को लेकर सरकार का दूसरा ऐतिहासिक फैसला होगा।