नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेताओं का विवादों से रिश्ता अब आम हो गया है। तकरीबन हर दिन पार्टी के नेता या तो किसी विवाद में पड़ते हैं या फिर कोई विवाद खड़ा कर देते हैं। ताजा मामला दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का है जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी शाखा (एसीबी) ने भर्ती में घोटाले के आरोप में एफआईआर दर्ज किया है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13, आईपीसी की धारा 120बी और 409 के तहत केस दर्ज किया गया है।
दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर एसीबी ने जांच शुरू की है। बरखा सिंह ने मालीवाल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बिना किसी अनिवार्य योग्यता के आम आदमी पार्टी समर्थकों को महिला आयोग में नौकरी दी है। अपनी शिकायत में बरखा सिंह ने उन 85 लोगों की सूची दी है जिन्हें नौकरी देने का मालीवाल पर आरोप है। सोमवार को इसी सिलसिले में एसीबी ने मालीवाल से दो घंटे तक पूछताछ की। उन्हें 27 सवालों की एक सूची सौंपी गई है जिनका जवाब एक हफ्ते के भीतर देने को कहा गया है।
एसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि स्वाति मालीवाल के कर्मचारियों से पूछताछ के आधार पर पिछले दो-तीन महीनों से मामले की जांच चल रही है। इसमें पाया गया कि ‘नियुक्तियों’ में उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। कुल 91 नियुक्ति उचित प्रक्रियाओं के अनुरूप नहीं पाई गईं। एसीबी प्रमुख एमके मीणा का कहना है कि इस केस में हर शख्स से पूछताछ की जाएगी। इस मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी नोटिस भेजा जाएगा।
एसीबी की पूछताछ के बाद मालीवाल ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि पिछले एक साल में हमने 11,500 मामले निपटाए हैं और 181 हेल्पलाइन नंबर पर 2.25 लाख फोन कॉल के जवाब दिए हैं। आयोग की पूर्व प्रमुख ने केवल एक मामला निपटाया था। उनकी ओर से जांच में तेजी की वजह से कई लोगों को परेशानी हो रही है। इसलिए इस तरह की साजिश उनके खिलाफ रची जा रही है और उन्हें परेशान करने के लिए यह सब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह एसीबी द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज मुहैया कराकर जांच में पूरा सहयोग करेंगी। स्वाति ने आरोप लगाया कि अपने कार्यकाल के दौरान आठ साल में केवल एक मामला निपटाने के बावजूद बरखा सिंह ने भी सदस्यों की नियुक्ति की थी। उन्होंने कहा, ‘हमने पैनल में सदस्यों की नियुक्ति में नियमों का पालन किया है। उन्होंने (बरखा सिंह) बिना भर्ती का विज्ञापन निकाले हुए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की पत्नियों को नौकरी दी थी। हमारे पास सभी दस्तावेज हैं और हम उसे एसीबी को देंगे।’ उन्होंने कहा कि हम अपना काम करते रहेंगे। जरूरी हुआ तो जेल भी जाएंगे। हम किसी भी एजेंसी की पूछताछ से डरने वाले नहीं है। हमें काम से मतलब है।