पूणे की जातीय हिंसा की आग पूरे महाराष्‍ट्र में फैली, आंच संसद तक पहुंची

ओपिनियन पोस्‍ट
महाराष्ट्र में फैली हिंसा का असर बुधवार को लोकसभा में भी नजर आया। विपक्षी दलों ने जोर-शोर से महाराष्ट्र हिंसा का मुद्दा उठाया। कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोर्चा संभाला और बीजेपी-आरएसएस पर हमला बोला। सरकार की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने जवाबी हमला किया और कांग्रेस पर देश को बांटने की राजनीति का आरोप लगाया।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘महाराष्ट्र हिंसा की आग में जल रहा है और सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह बीजेपी और आरएसएस की साजिश है। लोगों को समुदाय, जाति के नाम पर लड़ाना और भड़काना ही बीजेपी की नीति रही है। समाज में बंटवारा करने के लिए कट्टर हिंदुत्ववादी ताकतों का हाथ है। महाराष्ट्र में जो RSS के लोग हैं, इस हिंसा के पीछे उनका हाथ है।’

कांग्रेस के आरोपों के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा, ‘महाराष्ट्र में फैली हिंसा से देश की समस्त जनता आहत है। कांग्रेस पार्टी इस आग को बुझाने की बजाय भड़काने का ही काम कर रही है। मल्लिकार्जुन खड़गे जी और राहुल गांधीजी इस आग को और भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। देश इस बांटने वाली राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेगा।’

बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिराह के दौरन हुई हिंसा की आग मुंबई समेत राज्य के कई शहरों में फैल गई। दलित प्रदर्शनकारियों ने कई बसों को क्षतिग्रस्त किया और सड़क तथा रेल यातायात को बाधित किया।  भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान कल पुणे में दलित समूहों और दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों के बीच कल संघर्ष हो गया था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। हिंसा के कारण बुधवार को भी राज्य के दैनिक जीवन पर असर देखने को मिला।

PunjabKesari

आज कई गुटों ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया है। मुंबई के मशहूर डब्बावालों ने भी अपनी सर्विस को ठप्प रखने का फैसला किया है। उन्होंने अपने ग्राहकों से खुद अपना टिफिन लाने को कहा है। इसके अलावा महाराष्ट्र बंद के कारण स्कूल बसों की सर्विस बंद रहेगी। मुंबई में करीब 40,000 स्कूल बस बंद रहेंगी, स्कूलों ने अभिभावकों से अपने वाहन से ही बच्चों को स्कूल छोड़ने को कहा है। वहीं प्रदर्शनकारियों ने आज ठाणे के पास ट्रेन रोकी। ठाणे इलाके में चार जनवरी की रात तक धारा 144 लागू रहेगी।

PunjabKesari

क्या है भीमा कोरेगांव की लड़ाई
भीमा कोरेगांव की लड़ाई 1 जनवरी 1818 को पुणे स्थित कोरेगांव में भीमा नदी के पास उत्तर-पू्र्व में हुई थी। यह लड़ाई महार और पेशवा सैनिकों के बीच लड़ी गई थी। अंग्रेजों की तरफ 500 लड़ाके, जिनमें 450 महार सैनिक थे और पेशवा बाजीराव द्वितीय के 28,000 पेशवा सैनिक थे, मात्र 500 महार सैनिकों ने पेशवा की शक्तिशाली 28 हजार मराठा फौज को हरा दिया था। हर साल नए साल के मौके पर महाराष्ट्र और अन्य जगहों से हजारों की संख्या में पुणे के परने गांव में दलित पहुंचते हैं, यहीं वो जयस्तंभ स्थित है जिसे अंग्रेजों ने उन सैनिकों की याद में बनवाया था, जिन्होंने इस लड़ाई में अपनी जान गंवाई थी। कहा जाता है कि साल 1927 में डॉ. भीमराव अंबेडकर इस मेमोरियल पर पहुंचे थे, जिसके बाद से अंबेडकर में विश्वास रखने वाले इसे प्रेरणा स्त्रोत के तौर पर देखते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *