नई दिल्ली (एजेंसी इनपुट के साथ ओपिनियन पोस्ट टीम )। म्यूजिक कंसर्ट में शिरकत करने के लिए जा रहे युवाओं और रात के समय मनोरंजक स्थलों पर मौजूद पेरिसवासियों को निशाना बनाकर किए गए 6 सीरियल धमाकों में 150 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से फ्रांस में हुई यह अब तक की सबसे घातक हिंसात्मक घटना है। मारे गए लोगों में कोई भी भारतीय शामिल नहीं है। पेरिस में मरने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए एफिल टॉवर की लाइट्स बंद की गईं। आतंकी समूह आईएसआईएस ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हमले के बाद पूरे फ्रांस में आपातकाल लागू कर दिया गया है। राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने संकल्प लिया कि फ्रांस आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता के साथ खड़ा रहेगा। सबसे भयावह जनसंहार शुक्रवार को एक कॉन्सर्ट हॉल में हुआ, जहां एक अमेरिकी रॉक बैंड ने प्रस्तुति दे रहा था। कई लोगों को यहां बंदी बना लिया गया और हमलावरों ने इन बंधकों की ओर विस्फोटक उछाल दिए। इमारत पर धावा बोलकर पुलिस ने हमलावरों को मार गिराया। पुलिस को इमारत के अंदर बेहद भयावह खूनी मंजर दिखाई दिया।
पेरिस हमलों में आठ आतंकवादी मारे गए: जांच सू़त्र
पेरिस में हुए हमलों में कुल आठ आतंकवादी मारे गए हैं। इनमें वे आतंकवादी भी शामिल हैं जिनकी मौत आत्मघाती बेल्टों में विस्फोट के कारण हुई। इन हमलों में कम से कम 120 लोग मारे गए हैं। जांच से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी दी। चार हमलावर बाताक्लान कंसर्ट हॉल में मारे गए। तीन हमलावरों की मौत आत्मघाती बेल्टों में विस्फोट से हुई और एक हमलावर पुलिस की गोलीबारी में मारा गया । तीन और हमलावरों की मौत नेशनल स्टेडियम के निकट हुई और एक आतंकवादी पूर्वी पेरिस की एक गली में मारा गया।
ओलांद जी-20 बैठक में शामिल नहीं होंगे
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद पेरिस में हुए आतंकवादी हमले के बाद तुर्की में सप्ताह के आखिर में होने वाली जी-20 बैठक में शामिल नहीं होंगे। सरकारी सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्री मिशेल सेपिन और विदेश मंत्री एल. फाबियस ओलांद की जगह जी-20 बैठक में शामिल होंगे।
आईएसआईएस के खिलाफ एकजुट हो पूरा विश्व
पेरिस हमले के बाद भारत में भी सतर्कता बढ़ा दी गई। रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने कहा कि आईएसआईएस के खिलाफ सभी देशों को मिलकर लड़ना होगा। उनका कहना था कि अरब देशों में आईएसआईएस के खिलाफ एकजुटता नहीं है। आगा के अलावा मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने कहा कि पेरिस हमला दुखद है। सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा।
फ्रांस में आपातकाल घोषित
हालांकि सुरक्षा बलों की ओर से राष्ट्रपति को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इन हमलों के बाद देश में आपातकाल लगा दिया गया है और फ्रांस की सीमा को सील कर दिया गया है। साथ ही लोगों को घरों से ना निकलने की भी हिदायत दी गई है। हमलावरों से लड़ने के लिए लगभग 1500 सैनिकों को शहर के विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यह पहली बार है कि फ्रांस में आपातकाल घोषित हुआ है। फ्रेंच टीवी के अनुसार एक बंदूक़धारी ने ऑटोमेटिक राइफ़ल से पेटाइट कंबोज रेस्त्रां में गोलीबारी की। जिस समय यह गोलीबारी हुई उस समय स्टेडियम में फ़्रांस और जर्मनी के बीच फुटबॉल मैच खेला जा रहा था और इस समय स्टेडियम में फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद अपने एक अन्य मंत्री के साथ मैच देख रहे थे। लेकिन उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। स्टेडियम के पास हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई जबकि 11 अन्य घायल हो गए। पेरिस में हुए इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी निंदा की गई है।
पेरिस हमले का बंदूकधारी मारा गया: ओलांद
फ्रांस की राजधानी पेरिस के बैटाकलां कन्सर्ट हॉल में कई लोगों को बंधक बनाने और उनको मौत के घात उतारने वाला बंदूकधारी हमलावर पुलिस से साथ मुठभेड़ में मारा गया। हमलावर के मारे जाने की पुष्टि करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि हमले को अंजाम देने वाले बाकी अन्य को भी न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। आतंकवादियों ने उस स्टेडियम के पास भी धमाका किया जहां फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। राष्ट्रपति ओलांद भी वहीं मैच देख रहे थे लेकिन उन्हें हमले से बचा लिया गया।
मुंबई टेरर अटैक जैसा है पेरिस हमला
सुरक्षा विशेषज्ञों ने पेरिस में हुए आतंकी हमलों को वर्ष 2008 में मुंबई पर किए गए हमलों की ही नकल बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना सबके सामने मौजूद आतंकवाद के खतरे के प्रति पश्चिमी देशों के रूख को बदलकर रख सकती है।
फ्रांस की राजधानी में विभिन्न स्थानों पर और फुटबॉल मैच के आयोजक स्टेडियम पर आतंकियों द्वारा किए गए हमलों में 120 से ज्यादा लोग मारे गए। न्यू यॉर्क पुलिस विभाग के खुफिया एवं आतंकवाद रोधी उपायुक्त जॉन मिलर ने सीएनएन को दिए साक्षात्कार में कहा कि सस्ते संसाधनों के इस्तेमाल के लिहाज से पेरिस के हमले मुंबई आतंकी हमले जैसे हैं। इसके अलावा अन्य कई मामलों में भी ये हमले 26/11 के हमलों से मेल खाते हैं।
जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यक्रम के प्रमुख ब्रूस हॉफमैन ने मशहूर नेशनल पब्लिक रेडियो को दिए साक्षात्कार में अलकायदा के नेता ओसामा बिन लादेन द्वारा पांच साल पहले किए गए उस आहवान का हवाला दिया, जिसमें मुंबई जैसा हमला यूरोप में करने के लिए कहा गया था।
राष्ट्रीय आतंकवादरोधी केंद्र के पूर्व निदेशक माइकल लीटर ने एनबीसी न्यूज को बताया, इन हमलों में जटिलता का जो स्तर है, वह हमने वर्ष 2008 में मुंबई पर बोले गए हमले के बाद से किसी शहरी इलाके में नहीं देखा। उन्होंने कहा, यह हमला पश्चिमी देशों द्वारा इस खतरे को देखे जाने के नजरिए को बदलने वाला साबित होगा।
रेडियो रिपोर्टर ने बचाई खून से लथपथ बच्ची की जान
पेरिस के कॉन्सर्ट हॉल बाताक्लैन में जहां कार्यक्रम चल रहा था, वहां मौजूद एक रेडियो रिपोर्टर ने आतंकियों के इस बर्बर कृत्य के बारे में सीएनएन को बताया। रेडियो रिपोर्टर जुलियन पीयर्स ने बताया कि उसने दो आतंकवादियों को कॉन्सर्ट रूम में घुसते देखा। उनके हाथ में एके 47 थे। उन्होंने सिर्फ काले कपड़े पहन रखे थे। उनकी उम्र 20 से 25 साल के बीच की ही थी। उनके दाढ़ी मूछें भी नहीं थीं।
जुलियन ने बताया कि वे अंदर घुसते ही अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। न कोई चेहरे पर भाव, न डर, न गुस्सा। बस उन्हें फायरिेंग करने से मतलब था। करीब 10 मिनट तक उन दोनों ने लगातार फायरिंग की। बीच में दो तीन बार कारतूस रीलोड भी किया। वहां मौजूद करीब 2000 लोग दहशत के मारे सिर्फ झुक गए। सिर बचाते हुए सीटों के नीचे छुपने की कोशिश कर रहा था हर कोई। सभी एग्जिट प्वाइंट तलाश रहे थे ताकि कैसे बाहर निकला जाए।
इस रेडियो रिपोर्टर ने बताया वह भाग्यशाली थी कि जब तक आतंकवादी कारतूस रीलोड कर रहा था, वह उस जगह से भागने में सफल हुई। जैसे ही मैं बाहर गलियों में आई तो मैंने 20 से 25 लाशें देखीं साथ ही कई लोग बुरी तरह जख्मी हालत में पड़े हुए थे। तभी वहां मैंने एक बच्ची को देखा वो भी खून से लाल थी। मैं उसको लेकर वहां से भागी, करीब 200 मीटर भागने के बाद एक कैब मिली, मैंने उसे अंदर डाला और कैब ड्राइवर से कहा, इसे अस्पताल ले जाओ मैं अपने कुछ और दोस्तों को देखती हूं जो मुझे अंदर से एसएमएस कर रहे हैं। अंदर जो लोग फंसे थे उनमें से कई मेरे जानने वाले थे जो मुझे बार बार एसएमएस कर रहे थे। उनके दहशत का आलम ये था कि इस घटना के हुए दो घंटे बाद भी वे वहां से हिल भी नहीं पा रहे थे। सभी को इंतजार था कि पुलिस आए।
चश्मदीद 2 : स्टेज के इमरजेंसी एग्जिट से बचकर भागा
फ्रांसीसी अखबार लिबरेशन ने भी एक चश्मदीद से बात की। उसने बताया कि कॉन्सर्ट में बहुत तेज म्यूजिक साउंड था। अचानक मैंने कुछ तेज गड़गड़ाने की आवाज पीछे से सुनी। मैं आगे की तरफ स्टेज के करीब था। मैं पीछे मुड़ा तो देखा बेसबॉल कैप पहले एक व्यक्ति पीछे के दरवाजे के सामने खड़े होकर अंधाधुंध फायरिंग कर रहा है। उसने मेरी ओर भी फायरिंग किया। लोग गिर रहे थे और कुछ खुद को बचाने के लिए नीचे छुप रहे थे। तभी मेरे बगल वाला गिर पड़ा, मुझे लगता है वह मर गया होगा। फिर मैंने भीड़ से अलग हटकर स्टेज के पास इमरजेंसी एग्जिट से निकल कर जान बचाई। मैं भागा और दूसरी मंजिल पर स्थित कैफेटेरिया में छुप गया। मैं सिर्फ फायरिंग की आवाज सुन पा रहा था और पुलिस के सायरन की आवाज
चश्मदीद 3 : लाशों को रौंदते हुए भागना पड़ा
एक अन्य चश्मदीद ने फ्रांसीसी अखबार को बताया कि हर कोई नीचे गिरा पड़ा था। जो खड़ा था वो उनको रौंदते हुए जान बचाने के लिए भागने की कोशिश कर रहा था। मैं भी बंदूक और गोलियों की आवाज सुनकर नीचे फर्श पर गिर गया। लगातार फायरिंग हो रही थी। वे बिना निशाना बनाए अंधाधुंध फायरिंग करते ही जा रहे थे। मैं किसी तरह भागा, मुझे लाशों के ऊपर से गुजरते हुए जाना पड़ा। नीचे सिर्फ खून ही खून था। गलियों में लाशें बिखरी पड़ीं थीं।
पेरिस हमले से सतर्क अमेरिका
पेरिस में हुए हमलों के बाद अमेरिका ने समूचे देश में आज हवाईअडडों, ट्रेन स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी । इन हमलों में 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका के गह सुरक्षा मंत्री जे सी जॉनसन ने बताया कि अमेरिकी गह सुरक्षा मंत्रालय और फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन पेरिस में हुए हमलों पर बारीकी से नजर रख रहा है और वे क्षेत्र में अपने समकक्षों के भी संपर्क में हैं।
जॉनसन ने कहा, ऐसा हम नियमित तौर पर करते हैं और सावधानी के तहत एहतियातन डीएचएस और एफबीआई राज्य और स्थानीय कानून प्रवर्तन के साथ विचार मर्श कर रहा है। उन्होंने कहा, सुरक्षा को लेकर हम प्रासंगिक निजी क्षत्र के संगठनों से भी बातचीत कर रहे हैं और अपनी जानकारी के अनुसार उन्हें सलाह दे रहे हैं और उनसे भी संभावित सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी ले रहे हैं।
बहरहाल उन्होंने कहा कि अमेरिका में किसी आतंकवादी हमले के खतरे की खबर नहीं है।
उन्होंने कहा कि पेरिस में हुआ हमला केवल फ्रांस के लोगों पर नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता पर हमला है। आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में हम फ्रांस के लोगों के साथ खड़े हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा, पेरिस में हुए हमले की शाम बहुत भयावह और विभत्स थी, जो महज किसी देश या फ्रांस के लोगों पर हमला नहीं बल्कि यह मानवता के आत्मसम्मान पर हमला है।