देशभर में RERA यानी कि रियल एस्टेट रेग्युलेटरी कानून लागू हो गया है। मोदी सरकार ने ये नियम घर खरीददारों के हितों की रक्षा के लिए ही बनाया है।
इस कानून के तहत हर प्रदेश में रेगुलेटरी अथॉरिटी बनेगी और डेवेलपर्स को अपने प्रोजेक्ट्स इसके साथ रजिस्टर्ड करने होंगे। साथ ही प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी मंजूरिया रेगुलेटर को देनी होंगी।
डेवेलपर्स को प्रोजेक्ट से जुड़ी हर जानकारी वेबसाइट पर डालनी होगी, और प्रोजेक्ट के लिए अलग से बैंक अकाउंट भी बनाना होगा, इस अकाउंट में 70 फीसदी पैसे रखे जाएंगे। किसी भी शिकायत को कस्टमर सीधा रेगुलेटर के पास ले जा सकेंगे। 60 दिनों में शिकायतों पर फैसला करना होगा। मतलब साफ है कि कस्टमर्स को इस एक्ट से फायदा होने वाला है। जहां ये आम आदमी को राहत देने वाली खबर है वहीं इससे बिल्डर्स तनाव में आ गए हैं।
ऐसा नहीं है कि इस कानून के दायरे में सिर्फ प्राइवेट बिल्डर या डिवेलपर्स ही आएंगे। हाउजिंग और कमर्शल प्रॉजेक्ट बनाने वाले डीडीए, जीडीए जैसे संगठन भी इस कानून के दायरे में आएंगे यानी अगर डीडीए भी वक्त पर फ्लैट बनाकर नहीं देता तो उसे भी खरीददार को उसकी जमा राशि पर ब्याज देना होगा। यही नहीं कमर्शल प्रॉजेक्टस पर भी रियल एस्टेट रेग्युलेटरी कानून लागू होगा। कानून का पालन करने पर जुर्माने का प्रावधान है।