विवादित बयानों के महारथी गिरिराज सिंह चुनाव लडऩे से हिचक रहे हैं. उनकी सीट को लेकर भारतीय जनता पार्टी संशय में है. एक तरफ गिरिराज अपनी पुरानी सीट (नवादा) से चुनाव लडऩे को लेकर डटे दिखाई दे रहे हैं, दूसरी तरफ सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी ने नवादा पर अपना दावा कर रखा है और बदले में मुंगेर सीट जदयू के लिए छोड़ी है. इसके बाद भाजपा ने गिरिराज को बेगूसराय से चुनाव लडऩे का प्रस्ताव दिया. यह सीट पिछली बार भाजपा के भोला सिंह ने जीती थी, जिनका पिछले दिनों निधन हो गया. भाजपा में ही गिरिराज के विरोधियों का कहना है कि वह बेगूसराय से लडऩे से डर रहे हैं. अपनी सीट तालमेल में लोजपा को दिए जाने से गिरिराज नाराज हैं. कहा जा रहा है कि वह जान-बूझकर तीन मार्च की पटना रैली में नहीं गए. रैली से पहले उन्होंने ट्वीट करके कहा था, जो नरेंद्र मोदी की रैली में नहीं आएगा, वह देशद्रोही होगा. बाद में वह खुद रैली में नहीं गए. उन्होंने ट्वीट करके बताया कि वह बुखार की वजह से रैली में नहीं गए. ध्यान रहे, बिहार सरकार में मंत्री रहते हुए भी गिरिराज की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नहीं बनती थी. अब भी गिरिराज समर्थक मान रहे हैं कि नीतीश की वजह से उनकी सीट बदल रही है.
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