स्विट्जरलैंड।
धन-दौलत, सोना-चांदी आदि की चर्चा दीपावली पर कहीं अधिक होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक देश ऐसा भी है जिसने इस मामले में रईसी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिया है। हम बात कर रहे हैं स्विट्जरलैंड की जहां नालियों की सफाई के दौरान करोड़ों रुपये का सोना-चांदी मिला है।
भारत की बात करें तो इतिहास के गुप्त काल को स्वर्ण युग कहा जाता है। उस समय भिक्षा में सोना-चांदी दिए जाने का उल्लेख मिलता है। रामायण में भी सोने की लंका का उल्लेख है। सोने की प्रचुरता का एक और उदाहरण शाहजहां के समय का वह तख्तताउस है जो शुद्ध सोने का बना था।
अब आज की बात करें तो एक ऐसा देश है जहां नालियों में सोना और चांदी बहता है। दुनिया के कुछ देश गरीबी से जूझ रहे हैं तो एक ऐसा देश भी है जहां सोना और चांदी नालियों में बहता दिखाई देता है। चौंकिये नहीं, यह बिलकुल सच है। हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां नालियों में सफाई के दौरान करोड़ों रुपये का सोना-चांदी मिला है।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं स्विट्जरलैंड की। वहां अमीरी का आलम कुछ इस तरह छलकता है कि यहां भारी मात्रा में गंदी नालियों की सफाई में सोना-चांदी बरामद हुआ है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब शोधकर्ताओं की टीम ने पिछले साल जलशोधन संयंत्रों से निकली सिल्ट से तीन टन चांदी और 43 किलो सोना खोज निकाला। इसकी कीमत 20 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
यहां की सरकार की तरफ से एक शोध किया गया। इस दौरान यहां के एक शोधकर्ता ने बताया कि कुछ ऐसे पुरुष और महिलाएं होती हैं जो किसी कारण वश अपने सोने-चांदी के गहने टॉयलेट में छुपा देते हैं या फिर बहा देते हैं। शोधकर्ता ने घड़ी बनाने वाली कम्पनियों को शक के घेरे में लेते हुए कहा कि अक्सर महंगी घड़ी बनाने में कम्पनी सोना और चांदी का प्रयोग करती है।