अाेपिनियन पाेस्ट
बेनामी संपत्ति कानून पास होंने के बाद भी बेनामी संपत्तियों का बड़ी तादाद में पता लगाने में विफल रहने के बाद वित्त मंत्रालय अब लोगों को बड़े ईनाम का लालच देकर मुखबिर बनाने की योजना पर काम कर रहा है। जिसे अमली जामा पहनाने के लिए की जा रही कवायद अपने अंतिम चरण में हैं। अगर इस योजना का ऐलान हाे गया तो आपको करोड़पति बनने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी बल्कि अपने ऐसे पडोसियों पर नजर रखनी होगी जिन पर काली कमायी से बेनामी संपत्ति खरीदने का शक हो। अगर आपने किसी भी व्यक्ति की बेनामी संपत्ति की खबर सरकार को दी तो आपकों सरकार की तरफ से न सिर्फ 15 लाख से एक करोड तक का इनाम मिलेगा बल्कि आपका नाम भी गुप्त रखा जाएगा।
बेनामी संपत्ति के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर चुकी केंद्र सरकार अगले महीने अपनी इस योजना का ऐलान कर सकती है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स के अधिकारी ने बताया कि बेनामी संपत्ति की जांच कर रही है जांच एजेंसियों को जानकारी मुहैया कराने वाले शख्स को 1 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के एक अधिकारी जो इस योजना पर काम कर रहे हैं। नाम न बताने की शर्त पर बताया है कि सूचना देने वाले शख्स को कम से कम 15 लाख और अधिकतम 1 करोड़ रुपए का इनाम दिया जाएगा। इसके साथ ही उस शख्स की पहचान भी गुप्त रखी जाएगी ताकि उसकी सुरक्षा को लेकर कोई खतरा न हो।
ऐसे मिलेगी रकम
अधिकारी ने बताया कि सूचना पुख्ता होनी चाहिए। उसकी जानकारी गुप्त रखी जाएगी। बेनामी संपत्ति कानून को पिछले साल ही संसद में पारित किया गया था। हालांकि इसमें किसी को इनाम देने का प्रावधान नहीं रखा गया है। बेनामी संपत्ति रखने वालों का पता लगाना आयकर और प्रवर्तन निदेशालय के लिए हमेशा से ही टेढ़ी खीर रहा है। सीबीडीटी से जुड़े अधिकारी का मानना है कि गुप्त सूचनाओं के आधार पर बेनामी संपत्तिधारियों को पकड़ना काफी आसान हो जाएगा और इससे पूरे देश में अभियान चलाया जा सकेगा।
अधिकारी के अनुसार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, एनफोर्समेंट डारेक्टोरेट, और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस हमेशा से ही सूचना देने वालों को इनाम देता रहा है। हालांकि अब तक यह इनाम कुछ खास नहीं रहता था। ऐसे में अब इससे जल्दी और आसानी से बेनामी संपत्ति के बारे में जानकारी मिल पाएगी। यह योजना फिलहाल, वित्त मंत्रालय के पास है। वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री की सहमति के बाद इसे सीबीडीटी द्वारा लागू किया जाएगा। अक्टूबर या नंवबर में इसकी घोषणा हो सकती है।