डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद भड़की हिंसा पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसा लगता है सरकार ने सरेंडर कर दिया है और जान बूझकर राजनीतिक फायदे के लिए शहर को जलने दिया।
हाईकोर्ट ने राम रहीम की पूरी संपत्ति का 29 अगस्त को ब्योरा मांगा है। हाईकोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा- ऐसा लग रहा था जैसे सरकार ने राम रहीम के भक्तों के सामने सरेंडर कर दिया है। फैसले से 72 घंटे पहले से पंचकूला में राम रहीम के समर्थकों की भीड़ जुटने लगी थी, इसके बावजूद सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किया।
पिछले कई दिनों से राम रहीम के भक्त पंचकूला जुट रहे थे, मीडिया में लगातार खबरें आ रही थीं, कि राम रहीम के खिलाफ फैसला आने के बाद उनके भक्त हंगामा कर सकते हैं, लेकिन पहले से जानकारी होने के बावजूद हरियाणा सरकार की लापरवाही की वजह से 31 लोगों की जान चली गई और 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
सरकार के इस लापरवाही भरे रवैये पर विपक्ष ने भी हमला बोला है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मद्देनजर अगर खट्टर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दें तो उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए।
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी हरियाणा में भड़की हिंसा से निपटने में राज्य सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने खट्टर सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है।