देव दुलाल पहाड़ी।
वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि आयुष के कदमों से दवा निर्माण क्षेत्र में वर्ष 2020 तक रोजगार के कम से कम दस लाख नए अवसर पैदा होंगे। परोक्ष रूप से ढाई करोड़ रोजगार सृजित होंगे। आयुष चिकित्सा पद्धतियों की दवाओं को परीक्षण के बाद बाजार में उतारने से देश विदेश में इनकी मांग बढ़ रही है। वह आयुष और स्वास्थ्य पर पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आरोग्य 2017 को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन का उद्घाटन वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु और आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाइक ने नई दिल्ली में किया। आरोग्य 2017 का आयोजन फिक्की के साथ औषधि की परंपरागत प्रणाली की ताकत और वैज्ञानिक मूल्यांकन को प्रदर्शित करने के लिए संयुक्त रूप से किया गया। आरोग्य 2017 में भारत और 60 अन्य देशों के करीब 1500 प्रतिनिधि शामिल हुए।
श्रीपद येसो नाइक ने कहा कि आयुष मंत्रालय स्वास्थ्य सेवाओं में आयुष को विस्तार से समाहित करने का प्रयास कर रहा है। हम न केवल राष्ट्रीय स्तर पर परंपरागत औषधि के विकास संबंधी क्रियाकलापों को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि हमें अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग और द्विपक्षीय, बहुपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तरों पर सहयोग के अवसर कायम करने का इंतजार है। आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि भारत शायद दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां परंपरागत औषधि का अलग मंत्रालय है। हमें उम्मीद है कि अगले 5 वर्षों में उत्पादों और सेवाओं सहित हम आयुष का आकार तीन गुना बढ़ा लेंगे। एमिल फार्मा के सीएमडी के के शर्मा ने कहा कि कई सरकारी प्रयोगशालाओं ने हाल ही में ऐसी दवाइयां बनाई हैं जो पुरानी बीमारियों का समाधान साबित हो रही हैं। सीएसआईआर ने मधुमेह विरोधी बीजीआर 34 को विकसित किया है, जबकि डीआरडीओ ने ल्यूकोडर्मा रोग के इलाज के लिए ल्यूकोस्किन विकसित किया है। दोनों दवाओं के निर्माण के लिए तकनीक को एआईएमआईएल फार्मास्यूटिकल्स को स्थानांतरित कर दिया गया है। एमिल फार्मा के कार्यकारी निदेशक इक्षित शर्मा ने कहा ल्यूकोस्किन, बीजीआर 34 जैसी औषधियों से अब तक 5,000 मरीजों का इलाज किया गया है। बी जैन फार्मास्युटिकल्स के सीईओ निशांत जैन ने कहा, ‘हम सौंदर्य उत्पादों में होम्योपैथी के घटक का इस्तेमाल करते हैं, जिसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। इसलिए यह लोगों के अधिक उपयोगी है।’