आधार को अनिवार्य बनाने के केन्द्र के फैसले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। इस मामले में अब 30 अक्तूबर को सुनवाई होगी। जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की बेंच, पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दाखिल इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
वरिष्ठ वकील और सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि याचिका पहले ही दायर की गई थी और पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए यह 30 अक्तूबर को आएगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने उस प्रावधान को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया है कि आधार के बगैर समाज कल्याण योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा।
हालांकि कल्याण बनर्जी ने बताया कि आधार-मोबाइल मुद्दा राज्य सरकार की याचिका का हिस्सा नहीं है। कल्याण योजनाओं के लिए आधार अनिवार्य किए जाने के केंद्र के कदम और इसे मोबाइल नंबर और बैंक खाते से जोड़े जाने की अधिसूचनाओं के खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं।
बुधवार को कोलकाता में एक बैठक में मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने आधार को मोबाइल फोन नंबर से जोड़े जाने का भी खुलकर विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि आधार नंबर को किसी के मोबाइल फोन के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि भले मेरा फोन कनेक्शन काट दिया जाए, मैं अपने आधार नंबर को मोबाइल से नहीं जोड़ूंगी।
केन्द्र की तानाशाही में देश के लोग उसके खिलाफ आवाज उठाने का साहस नहीं कर पा रहे। अगर कोई ऐसा करता भी है तो उस पर इन्कम टैक्स, ईडी या सीबीआई जांच बिठा दी जाती है। 23 मार्च को एक नोटिफिकेशन जारी कर टेलीकॉम विभाग ने मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कराने को कहा था। ममता बनर्जी शुरू से इस कदम के खिलाफ रही हैं।