झारखंड में कांग्रेस के संभावित सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन कांग्रेस नेताओं को तेवर दिखा रहे हैं. दो मार्च को रांची के मोरहाबादी मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली थी, जिसमें हेमंत सोरेन शामिल नहीं हुए. उनकी वजह से राजद नेता अन्नपूर्णा देवी भी शामिल नहीं हुईं. दोनों पार्टियों ने दूसरे नेताओं को रैली में भेजा. जेवीएम नेता बाबू लाल मरांडी रैली में शामिल हुए. बताया जाता है कि हेमंत चुनाव से पहले खुद को यूपीए का नेता बनाने की मांग कर रहे हैं. वह चाहते हैं कि कांग्रेस उन्हें अभी से नेता घोषित कर दे और विधानसभा सीटों का बंटवारा भी. झारखंड में महागठबंधन में दलों के बीच लोकसभा सीटों का बंटवारा हो चुका है. कांग्रेस सात, जेएमएम चार, जेवीएम दो और राजद के एक सीट पर लडऩे की सहमति बन गई है. सूत्रों का कहना है कि हेमंत भाजपा और केंद्रीय एजेंसियों के दबाव में अभी तालमेल की घोषणा करने से हिचक रहे हैं. उनके खिलाफ भाजपा नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस करके कई आरोप लगाए थे. जमीनों के पंजीकरण से लेकर आय से अधिक संपत्ति तक के आरोप लगे थे. तभी उन्हें लग रहा है कि चुनाव से ऐन पहले केंद्रीय एजेंसियां उनके ऊपर कोई कार्रवाई कर सकती हैं. इस चिंता में भी वह दूरी दिखा रहे हैं. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आचार संहिता लागू होने के बाद जेएमएम से मामला सुलझ जाएगा.
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