वीरभद्र सिंह हिमाचल के वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं, जो राज्य में छह बार मुख्यमंत्री के पद पर रह चुके हैं। वीरभद्र को राज्य में लोग प्यार से राजा जी के नाम से संबोधित करते हैं क्योंकि वह राजघराने से ताल्लुक रखते हैं। 84 साल के मुख्यमंत्री ने आधे दशक से कोई भी चुनाव नहीं हारा है। हालांकि मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इस बार चुनावों को लेकर उनकी क्या रणनीति और जनता से अपेक्षा है जानने के लिए निशा शर्मा ने बात की मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से-
किन मुद्दों के साथ कांग्रेस दोबारा मैदान पर उतर रही है?
मुद्दे नहीं पार्टी का एक प्रोग्राम होता है, हिमाचल सरकार ने राज्य में जो काम किया है जिसकी वजह से हिमाचल देश के उन्नत राज्यों में आकर खड़ा हुआ है उसके आधार पर पार्टी मैदान में उतरी है। आज हिमाचल में कोई भिखारी नहीं मिलेगा, बिना घर के नहीं मिलेगा। सुविधाओं के माकूल प्रबंध हैं। हमने रोजगार दिया है चाहे फिर वह प्राइवेट सेक्टर में हो या सरकारी। सड़कें आज सारे प्रदेश को जोड़ रही हैं। बाहरी सड़कों, गांव की सड़कों का निर्माण हुआ है, स्कूल बने हैं, घर घर में तीन फेस की बिजली पहुंची है। पीने के पानी का प्रावधान है, सिंचाई के पानी का प्रावधान है। 5 मेडिकल कॉलेज बने हैं जिसमें AIIMS है। जिसका शिलान्यास सरकार ने हालही में किया था। AIIMS के लिए हमने भारत सरकार को जमीन दी थी।
कानून व्यवस्था लचर है, कोटखाई जैसे मामले पहले कभी नहीं हुए हिमाचल में?
एक घटना से आप अंदाजा लगाएंगे की व्सवस्था लचर है। लॉ एंड आर्डर खराब है। मर्डर पहले भी होते थे, तब कोई नहीं बोला। हर प्रदेश में घटनाएं होती है किसी जगह की अपराध की मात्रा कम होती है किसी के ज्यादा। ऐसा नहीं है कि हम अपराध के खिलाफ नहीं लड़े। हम ड्रग माफिया के खिलाफ लड़े जो पंजाब के मार्फत हमारे प्रदेश में आते थे उसको रोका है। कानून व्यवस्था हिमाचल में और राज्यों के मुकाबले में अच्छी है। गुड़िया केस में हमने पारदर्शिता रखते हुए केस की सीबीआई जांच करवाई है। प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सीबीआई की मांग की, गृहमंत्री से बात की तब इस मामले पर विचार किया गया। आप कहते हैं हमने कानून व्यवस्था खराब की है, तो आप ही बताईये आज डेढ़ महीने से ज्यादा हो गया है सीबीआई क्यों कुछ नहीं कर पाई है इस मामले में? मामला जहां था वहीं क्यों है? मुझे लगता है सीबीआई मामले पर ध्यान देने की बजाय हमारी गतिविधियों पर ज्यादा ध्यान दे रही है।
आप भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी के निशाने पर हैं?
बीजेपी के जो आरोप हैं वह मनगढ़ंत हैं, मुझ पर सिर्फ इनकम टैक्स का आरोप है, जिसके लिए कानूनी प्रक्रिया है और मैं उसका पालन कर रहा हूं। मामले में अलग-अलगओपिनियन हैं, इस केस में तीन एजेंसियां काम कर रही हैं, मामला सिर्फ इनकम टैक्स के दायरे में आता है लेकिन इसमें इनकम टैक्स के अलावा सीबीआई और ईडी भी देख रही है, क्या तीन एजेंसियां लगाकर विपक्ष मुझे डराना चाहता है। मैं कोई डरपोक नहीं हूं। यह सब चीजें जेटली करवा रहे हैं ओर हमारे प्रधानमंत्री ने इस ओर आंख बंद करके रखी हुई है। मैं विपक्ष का मुख्यमंत्री हूं इसलिए वह मुझे तंग करना चाहते हैं, लोगों के बीच में जलील करना चाहते हैं। लेकिन जनता जानती है कि मैं कल का मुख्यमंत्री नहीं हूं, छह बार मुख्यमंत्री रह चुका हूं। केन्द्र में मैं जवाहरलाल, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी की सरकार में रहा हूं और कैबिनेट मंत्री रहा हूं। मैं पैसे का भूखा नहीं हूं, मैं खानाबदोश परिवार से नहीं आता हूं, मैं राजघराने से हूं। मेरे शिमला वाले इस घर की कीमत 70 करोड़ रुपए है जो मेरे पुश्तों ने मुझे दी है। मेरे रामपुर के पुश्तेनी मकान की कीमत करोड़ों में है। देखिये अब लोगों को सीबीआई पर भी विश्वास नहीं रहा है। सीबीआई एक निष्पक्ष संस्था होती थी आज वह केन्द्र सरकार के हाथों की कठपुतली हो गई है। जितनी आज मोदी सरकार में धांधली मचाई जा रही है, कायदे कानूनों को ताक पर रखा जा रहा है। सरकारी संस्थाओं का गलत इस्तेमाल हो रहा है ऐसी व्यवस्था देश में पहले नहीं थी।
अनिल शर्मा के बीजेपी में जाने के बाद मंडी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
-देखिये सुखराम को सब जानते थे, जिसकी वजह से अनिल को टिकट मिली लेकिन अनिल शर्मा को कोई नहीं जानता इसलिए उसके बीजेपी में जाने-ना जाने का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हमने वहां से एक महिला को उतरा है जो जीतेगी मुझे विश्वास है।
आपका चुनाव क्षेत्र बदला गया है या आपने अपने बेटे के लिए खुद शिमला सीट छोड़ी है, आरोप हैं कि चुनाव में कांग्रेस ने फिर परिवारवाद को जगह दी है?
-ऐसा नहीं है कि पहली बार चुनाव क्षेत्र बदला है ऐसा पहले भी हुआ है, इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मुझे विश्वास है कि जनता को मुझ पर विश्वास है मुझे कहीं से भी खड़ा किया जाएगा तो मैं जीतूंगा ही। अगर परिवार का कोई व्यक्ति अच्छा करने का मादा रखता हो तो उसे सिर्फ इसलिए नकारा नहीं जा सकता की उसके पीछे आपका नाम है।
84 साल की उम्र में भी पार्टी के लिए इतनी मेहनत कर रहे हैं, पार्टी को आपके अलावा अब भी कोई दूसरा विकल्प नजर नहीं आता, अगर आप पार्टी से रिटायरमेंट लेते हैं तो क्या पार्टी का कोई जनाधार बचेगा?
क्यों नहीं बचेगा, हमारी नई पौध है, नए कार्यकर्ता है, युवा लोग हैं और बहुत मेहनती होने से साथ साथ योग्य भी हैं, ऐसा एक समय में लगता है कि आगे कुछ नहीं होगा। जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गांधी के समय में ऐसे प्रशन उठते रहे हैं। लेकिन हमें विश्वास करना होगा अपनी युवा पीढ़ी पर। कोई भी व्यक्ति हमेशा जिंदा नहीं रहता। कांग्रेस के लोग मेहनत करते हैं, जिसकी वजह से लोगों को कांग्रेस पर विश्वास है।
सरकार ने इस बार करोड़ों का कर्ज लिया है, अगर सरकार आती है तो आपके समक्ष सबसे बड़ी चुनौति क्या होगी?
हर सरकार कर्ज लेती है और साथ ही में उसे लौटा भी देती है, क्या मोदी सरकार अंतरराष्ट्रीय बैंकों से पैसा नहीं लेती। सब सरकारें लेतीं हैं और उसे साथ में लौटाने का प्रावधान करती है।
अगर कांग्रेस दोबारा आती है तो कौन से काम हैं जो आप करना चाहते हैं?
किसानों के लिए हमने बहुत कुछ सोच रखा है। अस्पतालों पर काम करेंगे। कृषि की नई तकनीकों पर काम करेंगे। कई काम हैं जिन पर हम काम कर रहे हैं जो अगले पांच सालों में पूरे होंगे।