योग गुरू बाबा रामदेव की कंपनी ‘पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड’ एक बार फिर विवादों में है। बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को कोर्ट ने प्रोडक्ट्स की ब्रांडिंग और प्रचार के मामले में फर्जीवाड़ा करने का दोषी पाया है। कहीं और बने उत्पाद को पतंजलि ब्रांड के नाम से बेचने के केस में कोर्ट ने बाबा रामदेव की कंपनी पर 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
ए.डी.एम. हरिद्वार ने पतंजलि पर जुर्माना लगाया एडीएम एलएन मिश्रा की अदालत ने पतंजलि को पांच प्रोडक्ट्स की फर्जी ब्रांडिंग करने का दोषी पाया है और इसकी सजा के तौर पर 11 लाख बतौर जुर्माना चुकाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरसों की गलत ब्रांडिंग करने पर 2.5 लाख, नमक के लिए 2.5 लाख, पाइन एप्पल जैम के लिए 2.5 लाख, बेसन के लिए 1.5 लाख और शहद को पतंजलि का बताकर बेचने के लिए 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि जांच में यह पाया गया है कि इन उत्पादों को पतंजलि ने नहीं बनाया था।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेंद्र पांडे ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि हरिद्वार में 2012 में दिव्य योग मंदिर के पतंजलि स्टोर से सरसों तेल, नमक, बेसन, पाइन एप्पल जैम और शहद के सैंपल लिए गए थे। इन सैंपल्स को रुद्रपुर लेबोरेटरी में टेस्ट किया गया। टेस्ट में पतंजलि के सैंपल फेल हो गए। उस जांच रिपोर्ट के आधार पर एडीएम कोर्ट में केस दायर किया गया था और पतंजलि पर मिसब्रांडिंग और गलत प्रचार का चार्ज लगाया गया था। यह केस चार साल तक चला।
इस मामले में एडीएम कोर्ट ने 1 दिसंबर को फैसला सुना दिया था जो अब जाकर सार्वजनिक किया गया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेंद्र पांडे ने बताया कि जिन प्रोडक्टस पर जुर्माना लगाया है, इनकी जांच में पता चला कि ये पतंजलि की यूनिटों में नहीं बनाए जा रहे थे। पांडे ने कहा, ‘इसे किसी और फैक्ट्री में बनाया गया था जबकि इसे पतंजलि कंपनी अपना एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट बताकर बेच रही थी। इस तरह से यह कस्टमर्स को पतंजलि के नाम पर धोखा दे रही थी।’
पतंजलि को जुर्माने की राशि एक महीने के अंदर जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही प्रोडक्ट में सुधार के निर्देश दिए गए हैं। ये आदेश 1 दिसंबर को दिया गया था। 16 अगस्त 2012 को इसके नमुने लिए गए थे।