सऊदी अरब के जेद्दा में रहने वाली महिला को सऊदी के मौलवियों की घनी दाढ़ी पर ट्वीट करना महंगा पड गया। इस पर इस महिला को तीन महीने तक जेल में जाना पड़ा।
क्या था ट्वीट
सौउद अल शामेरी नाम की महिला ने दाढ़ी वाले लोगों की तस्वीरें पोस्ट की जिसमें एक रूढि़वादी यहूदी, एक हिप्पी, एक कम्युनिस्ट, एक ओटोमन खलीफा, एक सिख और एक मुस्लिम शामिल था। सौउद ने लिखा कि सिर्फ दाढ़ी रखने से ही कोई आदमी पवित्र या मुसलमान नहीं बन जाता है। उसने यह भी बताया कि पैगंबर मुहम्मद के समय के दौरान इस्लाम के कट्टर आलोचकों में से एक की दाढ़ी उनसे भी बड़ी थी।
इस एक ट्वीट के बाद सौउद अल शेमरी की ऐसी आफत आई कि वो चारों तरफ से बुरी तरह घिर गईं। घनी दाढ़ी पर ट्वीट करने पर उन्हें तीन महीने तक जेल की हवा खानी पड़ी।
अल-शामेरी छह बच्चों की मां हैं और उनका दो बार तलाक हो चुका है। वो इस्लामी कानून में स्नातक हैं और अक्सर इस तरह के कॉमेंट करती रहती हैं। अल-शामेरी की परवरिश एक पारंपरिक कबीले में हुई लेकिन अब वो एक उदारवादी नारीवादी कार्यकर्ता हैं और अक्सर सऊदी अरब के ताकतवर धार्मिक प्रतिष्ठान को चुनौती देती हैं और उनकी दलीलों का आधार इस्लाम होता है।
उन पर लोगों को भड़काने का आरोप था। सरकार ने उनके विदेश जाने पर भी रोक लगा दी। उनके साथ ‘फ्री सऊदी लिबरल्स नेटवर्क’ नाम का एक ऑनलाइन मंच बनाने वाले ब्लॉगर रैफ बदावी 10 साल की सजा काट रहे हैं और उन्हें सार्वजनिक तौर पर 50 कोड़े लगाए गए थे। अल-शामेरी को उनके पिता ने भी त्याग दिया है। इसके बावजूद वो खामोश नहीं हुई हैं।