अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष संस्था (आईएमएफ) ने मुद्रा नियंत्रण उपायों के जरिये भ्रष्टाचार से लड़ने के भारत के प्रयासों का समर्थन किया, लेकिन अर्थव्यवस्था में न्यूनतम गतिरोध का ख्याल रखने पर जोर दिया।
व्यापक भ्रष्टाचार और कर चोरी से निपटने के लिए चौंकाने वाले कदम में 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के सरकार के निर्णय के बाद पहली बार गुरुवार को भारतीय बैंक दोबारा खुले।
भारत नए नोटों को लाने के दौरान अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखे। आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी रीस ने रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा कि वह भारत के भ्रष्टाचार से लड़ने और अर्थव्यवस्था में गैरकानूनी तरीकों से आने वाले पैसे को रोकने के लिए उठाए गए कदम का समर्थन करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि भारत में ज्यादातर कामों के लिए लोग बड़े पैमाने पर कैश के जरिए ही लेन-देन होता है और ऐसी स्थिति में सरकार को कोशिश करनी चाहिए कि वह करेंसी नोटों को बदलने का काम ऐसे मैनेज करे जिससे लोगों को कम-से-कम परेशानियों का सामना करना पड़े।