ओपिनियन पोस्ट ।
भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ देर बाद शुरू होंने वाले चैंपियंस ट्राफी के फाइनल मुकाबले के भारत के खिलाडि़यों ने एकऐसी रण्ानीति तैयार की है जिसके बाद दुनिया के तमाम सट्टेबाजों और मैच फिक्सिरों की कोशिशें धरी रह जायेंगी।
ओवल के एेतिहासिक क्रिकेट मैदान में उतरने से पहले टीम इंडिया के कोच कुंबले, कप्तान विराट कोहली और मिस्टर कूल महेन्द्र सिंह धोनी ने सभी खिलाडि़यों के साथ मिलकर एक रणनीति तैयार की है। इंडियन टीम टॉस जीते या हारे, पहले बल्लेबाजी करें या बॉलिंग हर हाल में टीम ने इसी रणनीति के तहत खेलने का फैंसला लिया है। ये रणनीति है कि हर खिलाडी बड़ी पार्टनरशिप के साथ बल्लेबाजी करेगा। दूसरे मैदान में फील्डिंग के दौरान कैच पकड़ने से लेकर रन रोकने का कोई मौका नहीं छोड़ेगा। पहले पांच बल्लेबाजों को कम से कम पचास रन बनाने का लक्ष्य दिया गया है। पॉवर प्ले के दौरान लंबे शाॅट खेलने का फैसला लिया गया है। टीम अगर पहले बल्ले बाजी करेगी तो 325 से 350 रन के लक्ष्य रहेगा। पहले बल्लेबाजों करने पर कम से कम तीन साझेदारी 75 रन की हो। 40 ओवर में 225 रन से उपर का लक्ष्य तय कर लिया जाए।
अगर टीम को पहले बॉलिंग करनी पड़ी तो कम ये कम पांच मुख्य गेंदबाजाें के अलावा युवराज के साथ एक अन्य गेंदबाज काे भी प्रयोग में लाया जाए। दूसरे गेंदबाज बॉलिंग के अनुरूप ही फील्डिंग लगाए। तीसरे कैंच पकड़ने के अवसरों को कतई न गंवाया जाए। हांलाकि ऐसी रणनीति हर टीम हर मैच से पहले बनाती है। लेकिन भारतीय टीम की इस रणनीति के मायने इसलिए अलग है क्योंकि ये मुकाबला फाइनल का होंने के साथ भारत की सबसे बड़े प्रतिदवधी पाकिस्तान के साथ है।
भारत ने ये रणनीति इसलिए भी तैयार की है कि सट्टबाजार में भारत की जीत पर भारी सट्टा लगा है और सट्टा बाजार भारी मुनाफा कमाने के लिए कोई भी उलटफेर कर सकता है। दुनिया भर के मैच फिक्सिरो से लेकर बुकियों की निगाहें भारत – पाकिस्तान के बीच हो रहे फाइनल मुकाबले पर लगी है। भारतीय टीम देश और दुनिया भर में फैंले करोडों क्रिकेट प्रेमियों को ये मैंच गंवाकर निराश नहीं करना चाहती इसलिए टीम ने जीत के लिए ये खास रणनीति बनायी है।